बरेली: मैदान में उतरा पहाड़, छोलिया नृत्य की धुन पर झूमे कलाकार, पारंपरिक उत्तरायणी मेले का आगाज
कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने रंगयात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया उद्घाटन

न्यूज टुडे नेटवर्क। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पहले एक ही राज्य हुआ करते थे। हालांकि पहाड़ और मैदान की संस्कृति वेशभूषा और खानपान में कुछ अन्तर जरूर है। लेकिन जब वही पहाड़ की संस्कृति का नजारा मैदान में देखने को मिले तो यह बिलकुल भी महसूस नहीं होता कि हम किसी दूसरे राज्य की बात कर रहे हैं। यूपी के बरेली में पहाड़ की संस्कृति देखने का कौतूहल शुक्रवार को दिखायी दिया। मौका था उत्तरायणी मेले के अद्भुत नजारे का। कोविड संकट के दो साल गुजरने के बाद बरेली की फिजा में उत्तराखंडी कला, संस्कृति और लोकगीतों का मिला जुला संगम देखने को मिला।

छोलिया नृत्य और पहाड़ के पारंपरिक लोक गीतों की धुनों से उत्तराखंडी कलाकारों ने कला का प्रदर्शन करके सभी को अभिभूत कर दिया। बरेली क्लब के मैदान में उत्तरायणी मेले का उद्घाटन हो गया। तीन दिनों तक चलने वाले इस उत्तरायणी मेले का शुभारंभ कैंट विधायक संजीव अग्रवाल ने रंगयात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया। मेले में पहाड़ी उत्पादों के साथ साथ उत्तराखंड के पारंपरिक पकवानों का स्वाद बरेली वालों को चखने को मिलेगा। वहीं पहाड़ी संस्कृति लोकनृत्य और वेशभूषा का नजारा देखने को मिलेगा।
