बरेली: राष्‍ट्रीय पुर्नजागरण के पितामह राजा राममोहन राय की जयंती पर कमिश्‍नर, डीएम ने अर्पित किए श्रद्धासुमन कही ये बात

जीआईसी इंटर कालेज में आयोजित हुआ समारोह, छात्राओं ने निकाली रैली

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। राजा राममोहन राय की जयंती यूपी के बरेली में धूमधाम से मनायी। इस मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमिश्‍नर संयुक्‍ता समद्दार ने कहा कि राजा राममोहन राय राष्‍ट्रीय पुर्नजागरण के पितामह कहे जाते थे। इस मौके पर जीआईसी इंटर कालेज में आयोजित समारोह में कमिश्‍नर समद्दार और डीएम शिवाकांत द्विवेदी, मेयर डा उमेश गौतम समेत अन्‍य अफसरों ने भावपूर्ण स्‍मरण करते हुए उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कमिश्‍नर व डीएम ने राजा राममोहन राय की 250वीं जयंती के मौके पर 250 छात्राओं की रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

समारोह को संबोधित करते हुए कमिश्‍नर ने कहा कि हम सब आधुनिक भारत में पुनर्जागरण के पितामह कहे जाने वाले राजा राममोहन राय जैसे विराट व्यक्तित्व को नमन करने और भावपूर्ण स्मरण करने के लिए उपस्थित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि 22 मई 1772 को बंगाल प्रांत में जन्मे राजा राममोहन राय जी का पूरा जीवन शिक्षा और समाज सेवा को समर्पित रहा। वह महिला शिक्षा और समानता के सशक्त हस्ताक्षर और प्रबल पक्षधर थे। उन्होंने जीवन पर्यंत महिलाओं के शिक्षा बाल विवाह सती प्रथा जैसे मानवीय कृत्यों और समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए संघर्ष किया।

शिक्षा और समाज सेवा में राजा राममोहन राय के अविस्मरणीय योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने उनकी 220वीं जयंती के अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन एक संस्था के रूप में 1772 में राजा राममोहन राय पुस्तकालय संगठन आरआरआरएलएफ की स्थापना की। 

इस न्यास का केंद्रीय कार्यालय साल्ट लेक कोलकाता में है। देश में पुस्तकालयों की स्थापना व सुदृढ़ीकरण में न्यास की विशेष भूमिका रहती है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि वह साइबर क्राइम के प्रति जागरूक हों। टेक्नो फ्रेंडली बने। संचार क्रांति के दौर में तकनीक और मेहनत का सामंजस्य बिठाकर उन्हें खुद को सशक्त बनाना है।  

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