बरेली: सात दिन में 300 टीबी रोगियों को वितरित किया गया पोषण आहार, 2022 में अब तक की जा चुकी है 9315 मरीजों की पहचान
न्यूज टुडे नेटवर्क ! निजी संस्थाओं के सहयोग से एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के प्रयास से शनिवार को सातवें दिन भी जिला क्षय रोग केंद्र पर 50 क्षय रोगियों को पोषण आहार वितरित किया गया।
डीटीओ डॉ. केके मिश्रा ने बताया कि क्षय रोग एक ऐसी बीमारी है जो मायकोबैक्टीरियम ट्युबर्कुलॉसिस नामक क्षय रोग के जीवाणु के कारण होती है। विश्व में करीब 1 करोड़ टीबी के मरीज हैं। जिसमें से करीब 26 लाख रोगी भारत में हैं। हर साल भारत में टीबी से 4.36 लाख रोगियों की मौत हो जाती है। बरेली में 2021 में 16000 टीबी रोग ही थे। 2022 में अब तक 9315 मरीजों की पहचान की जा चुकी है।
जनपद में विभिन्न संस्थाओं, औद्योगिक इकाइयों एवं स्वयंसेवी संगठनों द्वारा अभी तक 2200 से अधिक क्षय रोगियों को गोद लिया जा चुका है। इन सभी क्षय रोगियों को उपचार पूर्ण होने तक प्रत्येक माह गोद लेने वाली संस्था पोषण आहार वितरित करती है जिससे वे जल्द स्वस्थ हों।
इसी क्रम में निजी क्षेत्र से मोदी केयर मार्केटिंग की कार्यकारी निदेशक अर्चना गिरि, डाँ सुशील कधुरिया डॉ बी एस होरा, डॉ. परिधि सिंगल, के सहयोग से यह पोषण आहार वितरित किया गया। डॉ. आर एन गिरि ने अपील की है कि सभी प्राइवेट हॉस्पिटल एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर व पैथोलॉजी लैब संचालक इस अभियान में सामाजिक योगदान करें ताकि जनपद को शासन द्वारा दिया गया 3700 मरीजों को गोद लेने का लक्ष्य छूआ जा सके। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक निखिल बंसल एवं पीपीएम समन्वयक विजय कुमार आदि उपस्थित रहे।
8 वर्षीय प्रिया (बदला हुआ नाम) ने बताया कि कई दिनों से उन्हें खांसी आ रही थी जांच के बाद एक माह पहले पता चला कि उन्हें टीबी है। उनके माता-पिता ने तुरंत सरकारी अस्पताल से इलाज शुरू कर दिया है अब बहुत फायदा है। यह डॉक्टर ने समझाया है कि बीच में दवाई नहीं छोड़नी है इसलिए मैं ध्यान से रोज दवा खाती हूं।
12 वर्ष सुचेता बदला हुआ नाम ने बताया कि उन्हें गले में गांठ निकलना शुरू हो गई थी जब जांच कराई तो पता चला कि टीबी है। डॉक्टर ने बताया कि पोषण आहार के सेवन से शरीर में कमजोरी नहीं होती। इसलिए वह अपनी डाइट और दवा दोनों का ध्यान रखती हैं।