Bareilly- निकाय चुनाव: भाजपा का टिकट पाने को दावेदारों को करनी होगी इन नेताओं की परिक्रमा

न्यूज टुडे नेटवर्क। नगर निगम चुनाव को लेकर दावेदारों की भीड़ में उलझी भाजपा ने मेयर-पार्षद टिकट तय करने का जिम्मा मंत्री, सांसद, विधायक व संगठन पदाधिकारियों की समिति को सौंप दिया है। दावेदारों को समिति की सहमति के बाद ही टिकट के इम्तिहान में पास माना जाएगा और उस पर भी अंतिम फैसला हाईकमान से होगा। क्षेत्रीय सांसद, लोकल विधायक, चुनाव प्रभारी, मंत्री, चुनाव सह प्रभारी, महानगर अध्यक्ष, नगर निगम चुनाव संयोजक और महानगर चुनाव प्रभारी मिलकर उम्मीदवारों के नाम तय करेंगे। कहा जा रहा है कि भाजपा में जिस दावेदार की रेटिंग हाई होगी, उसे ही मेयर और वार्ड पार्षदी का टिकट मिलेगा।

बरेली नगर निगम में 80 वार्ड हैं और सत्ताधारी भाजपा में पार्षद टिकट के लिए दावेदारों की भीड़ सैकड़ों में दिखाई दे रही है। शायद ही ऐसा कोई वार्ड होगा, जहां 5 या इससे अधिक दावेदार टिकट के लिए जोड़ तोड़ न कर रहे हों। कमोबेश ऐसे ही हालात मेयर टिकट को लेकर भी हैं। मौजूदा मेयर भाजपा से होने के बाद भी महापौर की कुर्सी के लिए भाजपा में भारी रस्साकशी हो रही है। मेयर उमेश गौतम के अलावा महानगर भाजपा अध्यक्ष डा. केएम अरोड़ा, वरिष्ठ भाजपा नेता गुलशन आनंद, पूर्व आईएमए अध्यक्ष विमल भारद्वाज सहित कई चेहरे टिकट की दौड़ में शामिल हैं।

दावेदारों की संख्या अधिक होने की वजह से भाजपा हाईकमान बहुत सोच विचार कर कदम आगे बढ़ा रहा है। टिकट फाइनल करने में किसी भी स्तर पर भूल न हो, इसके लिए हाईकमान ने प्रमुख नेताओं की समिति को उम्मीदवार तय करने का काम सौंप दिया है। एक दिन पहले लखनऊ में मंत्री, विधायक, भाजपा महानगर अध्यक्ष, महानगर चुनाव संयोजक के साथ बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने टिकट तय करने की पूरी प्रक्रिया तय कर दी।
लखनऊ मीटिंग में भाग लेकर लौटे नेताओं ने बताया कि मेयर और पार्षद का टिकट तय करने की जिम्मेदारी क्षेत्रीय सांसद संतोष कुमार गंगवार, वन मंत्री व शहर विधायक डा अरुण कुमार, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल के अलावा भाजपा चुनाव प्रभारी एवं कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, सह चुनाव प्रभारी सलिल बिश्नोई, महानगर अध्यक्ष डा केएम अरोड़ा, महानगर चुनाव संयोजक अधीर सक्सेना को सौंपी है। शहर विधायक अपने क्षेत्र में और कैंट विधायक अपने क्षेत्र में टिकट फाइनल करने में भूमिका निभाएंगे। उम्मीदवारों के नाम तय करने के बाद सूची हाईकमान को भेजी जाएगी, इसके बाद लखनऊ से उस पर अंतिम मुहर लगेगी।