बरेली निकाय चुनाव: राजनीति के बुखार में कई डाक्टरों ने छोड़ा क्लीनिक का आला, लगा चस्का पालिटिक्स वाला

न्यूज टुडे नेटवर्क। नगर निगम चुनाव की रणभेरी प्रदेश भर में बज उठी है। नगर निगमों का आरक्षण तय होने के बाद सियासी सुगबुगाहट भी तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश के राजनैतिक माहौल को देखते हुए बरेली में भी सियासी पारा इस वक्त चढ़ा हुआ है। सपा भाजपा बसपा कांग्रेस समेत सभी दल नगर निगम की कुर्सी पर कब्जा जमाने की जुगत में जुट गए हैं। अंदरखाने पार्टियों का टिकट पाने को लेकर मारामारी तेज हो गयी। मेयर पद पर चुनाव लड़ने के लिए सपा भाजपा में उम्मीदवारों की लंबी लिस्ट है। सबसे ज्यादा उम्मीदवार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। वहीं सपा में भी मेयर टिकट के दावेदारों की लाइन कम लंबी नहीं है।

टिकट मांगने वालों की लंबी लिस्ट में डाक्टर, इंजीनियर, समाजसेवी, शिक्षक, व्यापारी वर्ग के चेहरे शामिल हैं। हालांकि डाक्टरों में बरेली की राजनीति में हनक कायम करने की महत्वाकांक्षा सबसे ज्यादा दिखायी दे रही है। 2022 के विधानसभा चुनावों में भी शहर के कई डाक्टरों ने राजनीति में किस्मत आजमाने के लिए दावेदारी ठोंकी थी। जिसमें बिथरी चैनपुर सीट से डा राघवेन्द्र शर्मा विधायक की कुर्सी पर काबिज होने में कामयाब भी रहे थे। वहीं डा अरूण कुमार भी तीसरी बार विधायक बनकर प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने हैं।

अब मेयर चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही शहर के डाक्टरों पर चुनावी बुखार चढ़ता दिखायी दे रहा है। सत्ताधारी दल भाजपा से चुनाव लड़ने के लिए शहर के कई डाक्टर टिकट की लाइन में खड़े दिखायी दे रहे हैं। अपने अपने अस्पतालों में मरीजों के उपचार में अधिकतर समय बिताने वाले डाक्टर इन दिनों राजनीतिक बीमारी से ग्रस्त दिख रहे हैं। शहर में समय समय पर होने वाली राजनैतिक गतिविधियों में इन दिनों टिकट के दावेदार डाक्टर पूरा समय देते दिख रहे हैं।
हाल ही में बरेली कालेज में सीएम योगी की हुयी जनसभा में शहर के कई ऐसे डाक्टर चेहरे पूरे समय जुटे दिखायी दिए जो भाजपा से अंदरखाने टिकट की दावेदारी में जुटे हैं। टिकट के दावेदार डाक्टर अक्सर भाजपा नेताओं के कैंप में समय बिताते दिख जा रहे हैं। इतना ही नहीं टिकट की लालसा में कई डाक्टर अस्पतालों के चैंबर छोड़कर राजधानी लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की परिक्रमा भी लगा रहे हैं। वर्तमान में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते डा उमेश गौतम मेयर की कुर्सी संभाल रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर डा आईएस तोमर भी बरेली मेयर की कुर्सी पर काबिज हो चुके हैं।
मौजूदा राजनैतिक माहौल और टिकट की मारामारी के बीच मौजूदा मेयर किसी भी हाल में दोबारा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की जुगत में जुटे हैं। वहीं शहर के ही स्टेडियम रोड स्थित एक प्रतिष्ठित अस्पताल के बड़े डाक्टर साहब भी बीजेपी से मेयर का टिकट मांगने को भूमिका बनाने में जुटे हैं। उधर पीलीभीत बाईपास स्थित एक अस्पताल के डाक्टर जो आईएमए के पदाधिकारी भी रह चुके हैं वे भी टिकट मांगने वालों की लाइन में बताए जा रहे हैं। इसके अलावा कुछ अन्य चिकित्सक भी मेयर की कुर्सी पर बैठने का ख्वाब देखते हुए भाजपा का टिकट पाने की पुरजोर कोशिश में हैं। अब देखना ये होगा कि क्या भाजपा इस बार किसी डाक्टर को अपना चुनावी चेहरा बनाकर सामने लाती है या नहीं।