बरेली: कभी कल्‍लू- नज्‍जू के खौफ से दहलती थी कटरी, अब गैंगवार के आरोपी सुरेश प्रधान पर है बाबा के बुलडोजर की नजर

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। सत्ता की आड़ लेकर कभी रामगंगा की खादर में गुंडई का साम्राज्य चलाने वाला बरेली का बाहुबली हिस्ट्रीशीटर सुरेश प्रधान उर्फ सुरेश पाल सिंह तोमर अबकी बार ढंग से कानून के निशाने पर आ गया है। कटरी की जमीनों पर कब्जे को लेकर खून-खराबा कर उसने सीधे-सीधे उस योगी सरकार को चुनौती दी है, जिसमें अपराधियों पर पुलिस की बंदूकें ही नहीं गरजती हैं, वल्कि गुंडे-मवालियों की जागीरों पर बुलडोजर भी दहाड़ते हैं। अपराधी से नेता बने सुरेश प्रधान की करतूतें बरेली में तैनात रह चुके डीजीपी डीएस चौहान भी जानते हैं। ऐसे में बरेली से लेकर लखनऊ तक ऑपरेशन प्रधान पर काम शुरू होने की खबर है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कटरी में सिख फामर्रों की लाशें बिछाने के बाद अब हिस्ट्रीशीटर सुरेश प्रधान कानून से ज्यादा नहीं भाग सकेगा। पुलिस को मिल रहीं सूचनाओं पर यकीन करें तो जवाबी हमले में सुरेश प्रधान के हाथ में तलवार लगी है। ऐसे में आशंका यही है कि वह पुलिस से बचने को कहीं चोरी-छिपे इलाज करा रहा है। सोशल मीडिया पर जमकर सक्रिय रहने वाला सुरेश प्रधान का फेसबुक अकाउंट अभी शांत नजर आ रहा है। फेसबुक पर बदायूं के सपा नेताओं के साथ उसके फोटो समाजवादी पार्टी में उसकी पकड़ की गवाही साफ-साफ दे रहे हैं। सुरेश प्रधान का एक पुराना फोटो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ वाला भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस बारे में भाजपा नेताओं का कहना है कि उसका पार्टी से कभी कोई सम्बंध नहीं रहा है।

हालांकि कटरी के जानकार बताते हैं कि कई दशक से जमीनों पर कब्जेदारी, रंगदारी, जालसाजी, धोखाधड़ी, हमले, हत्या जैसे अपराध करते-कराते बाहुबली सफेदपोश अपराधी बना सुरेश प्रधान बेहद शातिर दिमाग रखता है। पुलिस ने उसके तीन गु्र्गे लुकमान पंखिया, मुनेन्द्र और अभिषेक को गिरफ्तार कर लिया है। गोलीकांड मामले में अभी हिस्ट्रीशीटर सुरेश प्रधान सहित 30 से अधिक अपराधी फरार हैं। जिनकी तलाश में बरेली-बदायूं पुलिस दिन-रात एक किए हैं। कहा जा रहा है कि बाहुबली सपा नेता सुरेश प्रधान एनकाउंटर के डर से नेपाल भी भाग सकता है, इसलिए अफसरों ने पड़ोसी देश से सटे पीलीभीत और उसके पड़ोसी लखीमपुर खीरी पुलिस को भी अलर्ट कर दिया है।

सुरेश प्रधान पुलिस की नजरों में आने से बचने को वह भेष भी बदल सकता है, इसलिए उसके कई फोटो जुटाकर पुलिस उसकी खोजबीन में जुटी है। पुलिस एक्शन शुरू होते ही बरेली से बदायूं और शाहजहांपुर तक सुरेश प्रधान के गुर्गे भूमिगत हो लिए हैं। गोलीकांड की छानबीन में पुलिस के सामने यह सनसनीखेज जानकारी भी आई है कि कटरी में विरोधियों पर हमले करने-कराने में हिस्ट्रीशीटर सुरेश प्रधान पंखिया अपराधियों का जमकर करता था। बरेली-बदायूं में घुमंतू माने जाने वाले पंखिया अपराधी हमेशा से पुलिस की चुनौती रहे हैं। दो दिन पहले रामगंगा की कटरी में खून-खराबे में मारा गया गुल मोहम्मद उर्फ गोलू पंखिया हमेशा साए की तरह सुरेश प्रधान के साथ रहता था और उसका पक्का राजदार था। गिरफ्तार लुकमान भी पंखिया समूह से ही ताल्लुक रखता है। ऐसे और भी अपराधी हिस्ट्रीशीटर सुरेश प्रधान के ग्रुप में बताए जाते हैं, जिनकी सरगर्मी से हर तरफ तलाश हो रही है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, गुंडई करते-करते राजनीति का चोला पहनने वाले सपा नेता सुरेश प्रधान ने अपने गांव रायपुर हंस से लेकर बरेली शहर और बदायूं तक बेहिसाब नामी-बेनामी संपत्तियां जुटा रखी हैं। अवैध तरीके से खड़ी की गई उसकी पूरी जागीर की पुलिस ने पूरी कुंडली तैयार कर ली है और अब तैयारी गुनाहों की जागीर पर कानूनी चोट की है। 2017 में यूपी के अंदर समाजवादी सरकार की विदाई और योगी राज कायम होने के बाद हिस्ट्रीशीटर सपा नेता सुरेश प्रधान ने पहला ऐसा खूनी खेल किया है। योगी सरकार मे पुलिस की सख्ती के चलते वह बदायूं में रहकर शांत बैठा था मगर हाल में उसके अंदर कटरी की जमीनें कब्जाने का कीड़ा मरा नहीं और फिर बरेली में गुनाहों की विषबेल फैलानी शुरू कर दी।

पंजाब से आकर बरेली की कटरी में अपना फार्म बनाने वाले सरदार परमवीर सिंह से उसकी तनातनी हो गई और उसका नतीजा दो दिन पहले तीन लोगों की हत्या के रूप में सामने आया है। सुरेश प्रधान पक्ष के हमले में मारे गए देवेंदर सिंह पंजाब में होशियारपुर और दूसरे परिवंदर पंजाब में फतेहगढ़ साहब जिले के रहने वाले थे। पोस्टर्माटम में दोनों की गोलियां लगने से मौत की पुष्टि हुई है। पुलिस ने सुरेश प्रधान के उस स्टीमर को पहले ही बरामद कर लिया है, जिसमें सवार होकर हथियारबंद हमलावर रामगंगा नदी पारकर गन्ने की फसल काट रहे सिख फार्मर पक्ष के लोगों के पास पहुंचे थे और उन पर अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं। फार्मर पक्ष ने भी जान बचाने को हमलावरों से मुचैटा लिया था, जिसमें सुरेश प्रधान का साथी गोलू पंखिया मारा गया था।

रामगंगा के आसपास बसे गांवों के लोग बताते हैं कि बाहुबली सुरेश प्रधान हमेशा से गरीबों का दुश्मन रहा है। अपने गांव रायपुर हंस में उसने गरीब दलितों को मिले सरकारी पट़टों की जमीन पर उसका कब्जा रहा है। सुरेश प्रधान के गुनाहों की फाइल नए सिरे से खुलते ही पुलिस के साथ बरेली प्रशासन भी हरकत में आ गया है। दूसरे दिन डीएम बरेली शिवाकांत द्ववेदी ने प्रशासनिक अमले के साथ रामगंगा की कटरी में मौके पर पहुंचे और सिख फार्मरों से घटना की जानकारी ली। डीएम ने पीडित परिवारों को कार्रवाई का भरोसा दिया है। इस बीच प्रशासन ने गोविंदपुर गांव के पास सुरक्षा कारणों से पीएसी भी तैनात करा दी है।

पुलिस और प्रशासनिक सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, कटरी में हुए तिहरे हत्याकांड के बाद से फरार चल रहे हिस्ट्रीशीटर सपा नेता सुरेश प्रधान की संपत्तियों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। उसकी अवैध संपत्तियों पर जल्द ही बुलडोजर गरजता देखा जा सकता है। पुलिस उसके  खाते भी खंगालने में जुटी है। योगी राज में गुंडे, मवाली, माफियाओं के अवैध साम्राज्य के खात्मे के किस्से रोज सामने आते रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी पूरी सरकार की पॉलिसी जीरो टॉलरेंस की रही है। ऐसे में बरेली में खूनी तांडव करके फरार हुए बाहुबली हिस्ट्रीशीटर और समाजवादी नेता सुरेश प्रधान का क्या अंजाम होने वाला है, ये आने वाला वक्त बताएगा। फिलहाल सुरेश प्रधान और उसके गुर्गों पर कारर्वाई को लेकर रुहेलखंड में सबकी नजरें बरेली पुलिस पर टिकी दिखाई दे रही हैं।

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