बरेली: इज्‍जतनगर प्‍लेटफार्म की मजार हटाने बचाने को आमने सामने आए करणी सेना- मुस्लिम जमात

समर्थन- विरोध में जिला प्रशासन को सौंपा ज्ञापन,प्रदर्शन नारेबाजी

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। बरेली के इज्‍जतनगर रेलवे स्‍टेशन प्‍लेटफार्म पर बनी पुरानी मजार हटाने के मामले में सियासत शुरू हो गयी है। मजार को हटाने के समर्थन और विरोध में करणी सेना और मुस्लिम जमात आमने सामने आ गयी है। रेलवे ने इज्‍जतनगर प्‍लेटफार्म पर बनी मजार को हटाने के लिए नोटिस चस्‍पा कर दिया है। रेलवे प्रशासन की ओर से मजार हटाने को 28 दिसंबर तक का समय दिया गया है। वहीं अब आल इंडिया मुस्लिम जमात मजार हटाने के विरोध में खुलकर सामने आ गयी है। बुधवार को जहां एक ओर आल इंडिया मुस्लिम जमात ने मजार हटाने के विरोध में कलेक्‍ट्रेट पर प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी ओर करणी सेना ने मजार को हटाए जाने का समर्थन करते हुए प्रदर्शन करके जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर जल्‍द से जल्‍द स्‍टेशन से मजार हटाए जाने की वकालत की है।

बुधवार को आल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्‍यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन के नेतृत्‍व में प्रतिनिधि मंडल ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर मजार हटाने का विरोध दर्ज कराया है। कलेक्‍ट्रेट पहुंचे मुस्लिम जमात के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपा है। मुस्लिम जमात की ओर से जिला प्रशासन को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि 1564 ई में सूफी संत सैरूयद नन्‍हें शाह मियां की मजार बनी थी। सन 1938 में रेलवे स्‍टेशन की स्‍थापना हुयी।

अभी कुछ साल पहले रेलवे स्टेशन का सौंदर्यीकरण हुआ। इस दौरान रेलवे पदाधिकारियों द्वारा मजार का भी सौंदर्यीकरण कराया गया। मजार पर सालों से 3 दिवसीय उर्स का आयोजन होता आया है। मुस्लिम जमात ने मजार हटाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि सूफी संत की पुरानी मजार हटाया पूरी तरह से गलत है। उन्‍होंने जिला प्रशासन से मामले का संज्ञान लेने की मांग की है।

उधर करणी सेना के पदाधिकारियों ने भी कलेक्‍ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन करके नारेबाजी करते हुए मजार हटाने के रेलवे के फैसले को सही बताया है। करणी सेना ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इज्‍जतनगर रेलवे स्‍टेशन पर बनी पुरानी मजार हटाने की मांग की है। इस दौरान देवकुमार,राहुल गुप्ता,अरविंद आदि मौजूद रहे।

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