बरेली: नियमित टीकाकरण में कैसे हों सुधार, संवेदीकरण कार्यशाला में बताए उपाय
न्यूज टुडे नेटवर्क। नियमित टीकाकरण के सुधार हेतु संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन कोर एड्रा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को बरेली के एक होटल में किया गया। जिसमें जनपद स्तर से अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अशोक कुमार मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डॉ अखिलेश्वर सिंह जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रशांत रंजन तथा सहयोगी संस्थाओं डब्ल्यू एच ओ यूनिसेफ जे एस आई यू एन डी पी, चाई के जिला प्रतिनिधि उपस्थित थे उक्त कार्यशाला में ब्लॉक दलेलनगर बहेड़ी भोजीपुरा मीरगंज नवाबगंज तथा शहरी क्षेत्र से चिकित्सा अधिकारी डाटा एंट्री ऑपरेटर, बीपीएम आदि उपस्थित रहे। उपस्थित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कोर एड्रा के क्षेत्रीय समन्वयक विवेकानंद बिस्वास द्वारा पोलियो अभियान पर अपडेट दिया गया। मंडल सर्विस अधिकारी डॉक्टर अखिलेश द्वारा एएफ पी सर्विलांस को मजबूत करने के लिए कहा गया जिसके साथ साथ टेटनेस काली खासी गलगोटू खसरा बीमारी का भी हमें खोज करना है। यूनिसेफ के जिला प्रतिनिधि इरशाद खां ने संचार कौशल के बारे में बताया जिससे कोई संदेश अच्छी तरह से समुदाय तक पहुंच सके। आपने बताया की डिमांड जेनरेशन पहले आता है फिर सेवा या सर्विस डिलीवरी आती है। संचार योजना बनाने के बारे में बताया।
एसएमओ डॉक्टर पीवी कौशिक ने कहा कि टीकाकरण को सशक्त बनाने के लिए सत्र से 2 दिन पूर्व ड्यूलिस्ट उपलब्ध होनी चाहिए। यदि किसी गांव क्षेत्र में 90% बच्चों को टीका लगा होगा तो बीमारी शेष 10% को नहीं होगी लेकिन यदि 10% को टीकाकरण होगा तो उन्हें भी बीमारी होने की प्रबल संभावना होती है इसलिए 100% बच्चों का टीकाकरण जरूरी है राष्ट्रीय टीकाकरण सारणी को विस्तार से समझाया बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं। टीके के महत्व को बताया साथ ही बताया की छूटे टीकाकरण सत्रों को प्लान करते समय 28 दिनों का अंतर ध्यान रखें।
टीकाकरण सत्र का सुपर विजन कैसे करें तथा चेक लिस्ट कैसे भरें विस्तार से बताया। कोर एड्रा के सब रीजनल कॉर्डिनेटर द्वारा उदाहरण देकर टीका लगे और नही लगे बच्चों में खतरे की संभावना को बताया गया। अंत में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी द्वारा सबको धन्यवाद देते हुए वर्कशॉप के समापन की घोषणा की तथा यहां से जो सीखे हैं उसे व्यवहार में लाएं।