बरेली: पहले नोटबंदी फिर कोरोना, अब सर्दी से ठप हुआ कारोबार, गया सीजन इस बार
न्यूज टुडे नेटवर्क। पहले नोटबंदी और फिर कोरोना की मार से ठप पड़े कारोबार को रफ्तार देने के लिए दुकानदार जुटे ही थे कि अब सर्दी के कारण उनका धंधा मंदा नजर आ रहा है। उधर बरेली शहर में कुतुबखाना ओवरब्रिज निर्माण के चलते बाजार में धंधा ठप पड़ा है। दुकानों पर ग्राहक नहीं दिखायी दे रहे। असुविधा के कारण लोग मेन बाजार नहीं जा रहे। कड़कड़ाती ठंड से लोगों की दिनचर्या गड़बड़ा गई है, अलाव और आग के सहारे लोग दिन गुजार रहे हैं। भीषण सर्दी के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त सा हो गया है। शीतलहर के कारण बाजार में दुकानों पर सन्नाटा दिख रहा है, लेकिन गर्म कपड़ों के फड़ और ठेले पर कपड़े खरीदने वालों की भीड़ दिखाई दे रही है। दुकानों पर ग्राहक ना पहुंचने की वजह से दुकानदार इन दिनों खाली बैठे दिखाई दे रहे हैं।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान और तापमान के गिरते पारे की वजह से तराई में इन दिनों सर्दी चरम पर है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय की ओर से उत्तर पश्चिम दिशा की ओर चलने वाली हवाओं के कारण आगामी दिनों में तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है। इससे उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के प्रभावित होने की संभावना जताई गई है । मौसम के रुख में बदलाव के कारण कुछ दिनों तक आम जनमानस को सर्दी अभी बेहाल करेगी। अभी 15 जनवरी तक कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ सकता है।
कड़ाके की ठंड और कोहरे ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। हर कोई हाड़ कंपा देने वाली ठंड से परेशान है। सुबह और शाम को कड़कें सूनी हो जा रही हैं। बाजारों से चहल-पहल भी जल्दी खत्म हो रही है। ग्रामीण इलाकों में देर शाम के बाद सभी दुकानें बंद हो जा रही हैं। आलम यह है कि सुबह और शाम को गुलजार रहने वाले चौक चौराहों पर भी सन्नाटा छा जा रहा है। नए साल के पहले दिन से बड़ी सर्दी और गलन से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। एक सप्ताह बीतने के बाद भी सूर्यदेव ने दर्शन नहीं दिया। हालांकि शनिवार को दिन में कुछ देर के लिए धूप निकली तो गुनगुनी धूप में बैठकर लोगों ने कुछ राहत महसूस की है, लेकिन शाम ढलने के साथ ही फिर से सर्द हवाओं के साथ सर्दी बढ़ गई और लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए।
बरेली शहर के बड़ा बाजार, सुभाष नगर सहित प्रमुख बाजारों में पूरे दिन सन्नाटा छाया रहा। आम दिनों में इन बाजारों में सुबह से ही चहल-पहल देखने को मिलती थी। अब कड़ाके की सर्दी के कारण बहुत कम लोग ही इस वक्त बाजारों का रुख कर रहे हैं। ऐसे में सभी दुकानदारों के सामने भी समस्या खड़ी हो गई है। सब्जी और फलों की बिक्री में भी गिरावट दर्ज की गई है। लोगों का कहना है कि यह जनवरी की शुरुआत है अभी ठंड और ज्यादा बढ़ने की संभावना है।
अगर ऐसी ही स्थिति रहेगी तो सभी दुकानदारों के व्यवसाय पर काफी असर पड़ सकता है। दुकानदारों का कहना है कि अब तक नोटबंदी और फिर कोरोना वायरस की त्रासदी ने कारोबार को प्रभावित किया था। अब सर्दी के कारण धंधा चौपट हो रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार हवाओं का रुख बदलने के बाद ही सर्दी का कहर कुछ कम हो सकेगा। जिले में सर्द हवाएं शरीर में सिहरन पैदा कर दी है। लोगों की दिनचर्या गड़बड़ा गई है। ग्रामीण अंचलों में अलाव के सहारे लोग दिन गुजार रहे हैं।