बरेली:  प्‍लेटलेट्स कम हैं तो ना घबराएं, डेंगू के हर मरीज को नहीं होती जरूरत, जानिए, क्‍या हैं बचाव के तरीके

बुखार होने पर डेंगू कंट्रोल रूम  करें कॉल, रैपिड रिस्पांस टीम करेगी मदद

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। अगर आपको डेंगू के लक्षण हैं तो सरकारी अस्पताल या किसी मान्यता प्राप्त चिकित्सक से संपर्क करें। पहले डेंगू कार्ड से जांच कराएं। पॉजिटिव आने पर एलाइजा जांच कराएं। उसमें डेंगू की पुष्टि के बाद ही डेंगू का इलाज शुरू कराएं। जनपद वासियों  के लिए  डेंगू कंट्रोल रूम की सुविधा उपलब्ध है। इस नंबर 0581-22553311 पर संपर्क करने पर रैपिड रिस्पांस टीम क्षेत्र में जाकर मरीजों की मदद करेंगी।

बरेली के सीएमओ डॉ. बलबीर सिंह के अनुसार आम जनता को इस भ्रम से बाहर आना चाहिए कि डेंगू के हर मरीज को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है। ऐसा नहीं है। जिनको जरूरत होती है उनके लिए प्लेटलेट मौजूद है। उन्होंने अपील की कि छोटे बच्चों को स्कूल भेजते वक्त फुल आस्तीन के कपड़े पहनाकर ही भेजें। दिन में गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों को मच्छरदानी में ही सुलाएं। किसी प्रकार की सहायता के लिए मुख्य चिकित्सा कार्यालय व कंट्रोल रूम में संपर्क किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि दशहरे के आस-पास हुई बारिश के बाद से डेंगू के मच्छर बढ़ने लगे हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में फागिंग और एंटीलार्वा के छिड़काव का काम तेज कर दिया गया है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर ट्रैकिंग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में अब तक 221 डेंगू के केस आए हैं जो बीते साल की तुलना में काफी कम हैं। पिछले साल 595 केस आए थे।

सीएमओ ने बताया कि डेंगू आमतौर पर मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है और ठहरे हुए साफ पानी में पनपता है। सीएमओ ने अपील की कि अगर आप डेंगू से प्रभावित नहीं होना चाहते तो मच्छर पनपने वाली संभावित जगहों पर सफाई और केरोसिन या डीजल जरूर डालें। डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5-7 दिन तक रहती है और रोगी स्वयं ठीक हो जाता है।

लक्षण

ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना

मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।

आंखों के पिछले भाग में दर्द होना

अत्याधिक कमजोरी लगना, भूख न लगना, गले में दर्द होना

शरीर पर लाल चकते आना

घर में कहां मिलते हैं मच्छर

फील्ड पर काम कर रही टीम का कहना है कि ट्रैकिंग करते वक्त फ्रिज की ट्रे में डेंगू का लार्वा मिलता है। इसके अलावा घर की छत पर पड़े कबाड़ में जमा साफ पानी में भी लार्वा मिल रहा है। इसी तरह सजावटी पौधे भी मच्छरों को पैदा करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसमें मनी प्लांट, लकी बंबू आदि पौधे जो सजावट के लिए घर में या कार्यालयों में रखे जाते हैं। 

मच्छर पहुंचेगा वहां, पानी ठहरेगा जहां

मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें

सप्ताह में कूलर, फूलदान और पशु पक्षियों के बर्तन को साफ करें

खिड़की पर जाली लगाएं व मच्छरदानी का प्रयोग करें

पुराने टायर, डिस्पोजल कप, कबाड़ में पानी न भरने दें

आस- पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गड्ढे आदि भरवा लें

घर में नीम की पत्तियों का धुआं करें 

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