बरेली: देर से कराएंगे टीबी की जांच तो 15 लोगों को कर सकते हैं संक्रमित, जानिए, उपचार व बचाव के तरीके
विशेषज्ञों के मुताबिक दो हफ्ते से ज्यादा खांसी आने पर फौरन करानी चाहिए टीबी की जांच

न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली जिले में करेली गांव की प्रिया को खांसी आ रही थी। पहले उसने कई दिन तक घरेलू इलाज किया। फिर पास के डाक्टर को दिखाने गई। कई दिनों तक आराम नहीं मिला तो डाक्टर ने ट्यूबरक्लोसिस टीबी होने की आंशका जताई और जांच कराने को कहा। प्रिया डर गई और दूसरे डाक्टर को दिखाने लगी। इस तरह दो महीने बीत गए। फिर एक दिन आशा से टकराई। उसने टीबी की जांच कराने की सलाह दी। इस बार प्रिया मान गई और उसमें टीबी की पुष्टि हुई।

विशेषज्ञों के मुताबिक इस दौरान वह जिसके भी संपर्क में आई होगी, उसे संक्रमण दे सकती है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ केके मिश्रा के मुताबिक हमारे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र हर समय रोगजनक जीवाणुओं से लड़ता रहता है लेकिन प्रतिरक्षा तंत्र जैसे ही कमजोर होता है तो बीमारियां हावी होने लगती हैं। अगर टीबी के मरीज का इलाज सही समय पर शुरू नहीं किया जाए तो मरीज एक वर्ष में दस से पंद्रह लोगों को संक्रमित कर सकता है।

उन्होंने बताया कि दवा शुरू होने के दो माह बाद जब टीबी की जांच नेगेटिव आ जाती है तो बीमारी फैलने का खतरा नहीं रहता है लेकिन दवा का कोर्स पूरे छह महीने तक किया जाता है। टीबी मुख्य रूप से फेफड़ों को नुकसान पहुँचाता है। हालांकि टीबी का बैक्टीरिया आंत, मस्तिष्क, हड्डियों, जोड़ों, गुर्दे, त्वचा तथा हृदय को भी प्रभावित कर सकता है। दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आना टीबी का मुख्य लक्षण होताहै। बुखार आना, बलगम के साथ खून आना, वजन कम होना अन्य लक्षण हैं।
मरीज से दूसरों तक फैलती है बीमारी
डीटीओ ने बताया कि टीबी ड्रॉपलेट इंफेक्शन है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है लेकिन फेफड़ों की टीबी ही संक्रामक है। फेफड़ों की टीबी के रोगी के बलगम में टीबी के जीवाणु पाए जाते हैं। मरीज छींकता है या खांसता है तो इसके ड्रॉपलेट पांच फीट तक जाते हैं। ये जीवाणु हवा में फैल जाते हैं और अन्य व्यक्ति के सांस लेने से यह जीवाणु उस व्यक्ति के फेफड़ों में पहुंच जाते है और उसे संक्रमित कर देते हैं।
आंकड़ों में बरेली जनपद
बरेली में टीबी के 16 हजार मरीज
255 ड्रग रेजिस्टेंट टीबी के मरीज खोजे गए हैं बीते साल
जरूरी बातें
खांसते या छींकते समय मुंह पर रूमाल या कोई साफ कपड़ा रखें
मरीज को सार्वजनिक जगहों पर थूकना नहीं चहिए
दवा बीच में नहीं छोड़ना चाहिए। कोर्स पूरा करना चाहिए