आईवीआरआई के दीक्षांत समारोह के मौके पर कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने मेधावियों को सौंपी उपाधियां व डिग्री
कृषि मंत्री बोले- पशु चिकित्सा के क्षेत्र में आईवीआरआई का देश में अलग स्थान
न्यूज टुडे नेटवर्क। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान आईवीआरआई मे 10वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में 410 शोधार्थियों को उपाधि और 510 शोधार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई। इसके अलावा आईवीआरआई में 12 विभाग से संबंधित अवार्ड भी मेधावियों को पुरस्कार के रूप में प्रदान किए गए।
दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेश सिंह तोमर ने मेधावी छात्र छात्राओं को उपाधि प्रदान की। इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि विकास ही देश का असली विकास है, इसलिए कृषि क्षेत्र में समय-समय पर शोध होते रहने चाहिए।
उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सा के क्षेत्र में आईवीआरआई का देश में अपना एक अलग स्थान है। संस्थान ने विभिन्न पशु रोगों की वैक्सीन व दवाओं पर रिसर्च करके प्रभावशाली वैक्सीन व दवाएं निर्मित की हैं जिनका जनमानस को आज सीधा लाभ मिल रहा है। कहा कि संस्थान ने पशुजनित गंभीर बीमारियों जैसे रिंडरपेस्ट, सीबीपीपी, अफ्रीकन हार्स सिकनेस और डौरीन रोग का इलाज खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। इतना ही नहीं वर्तमान में हो रहे खुरपका, मुंहपका, ब्रूसलोसिस, बकरी महामारी, गलाघोंटूं, और सूकर ज्वर जैसे गंभीर रोगों की रोकथाम में भी आईवीआरआई ने प्रशंसनीय सहयोग प्रदान किया है। इसके साथ ही मनुष्यों में फैलने वाले वायरस और बीमारी ब्रूसेला, कोरोना विषाणु, जापानी मस्तिष्क ज्वर, रोगाणुरोधी जैसी समस्याओं के निदान पर भी आईवीआरआई लगातार शोध कार्यों में जुटा है यह बेहद ही प्रशंसनीय कार्य है।
केंद्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने शोधार्थियों को संबोधित करते हुए बताया कि आईवीआरआई देश के सर्वोच्च संस्थानों में से एक हैं। कृषि किसान कल्याण में आईवीआरआई की अहम भूमिका रही है और आने वाले समय में भी यहां के शोध कार्यों से किसानों में नई क्रांति आएगी।
इस मौके पर धन्यवाद ज्ञापन देते हुए कुलपति डा. त्रिवेणी दत्त ने बताया कि हर वर्ष देश विदेश से अनेकों शोधकर्ता यहां पर रिसर्च वर्क के लिए आते हैं और उपाधि हासिल करते हैं। कोरोना महामारी के समय में थोड़ी परेशानी जरूर है। इसके बावजूद इसके विद्यार्थियों ने अपने रिसर्च प्रोजेक्ट समय पर पूरे की और निरंतर पशु, पक्षी, कृषि और किसान हर क्षेत्र में शोधकर्ता देश की कृषि क्रांति में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
दीक्षांत समारोह के इस मौके पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सांसद संतोष गंगवार, राज्यमंत्री डा अरूण कुमार, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, डा हिमांशु पाठक सचिव कृषि अनुसंधान एवं षिक्षा विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डा भूपेन्द्र नाथ त्रिपाठी समेत तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे।