रेल टिकट पर सिर्फ 35 पैसे में मिलता है 10 लाख का बीमा, जानिए, क्या होता है कंपलीट प्रोसेस

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न्यूज टुडे नेटवर्क। ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में 280 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस मौत ने कइयों को आजीवन दर्द भी दे दिया, जिसे वापस करना नामुमकिन है। लेकिन, एक छोटी सी जागरुकता ऐसे परिवारों को कुछ हद तक आर्थिक मदद जरूर दे सकती है। इसके लिए यात्रियों को महज 35 पैसे में यात्रा इंश्योरेंस करना होता है। 

इससे 10 लाख रुपये तक की राहत मिल सकती है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) से जब ऑनलाइन टिकट लेते हैं तो उसमें ट्रैवल इंश्योरेंस का ऑप्शन आता है। अगर इसे सलेक्ट करते हैं तो इसके लिए केवल 35 पैसे देने होते हैं। 

इसके बदले आईआरसीटीसी 10 लाख रुपये तक का बीमा कवर करता है। टिकट बुकिंग के समय ट्रैवल इंश्योरेंस का ऑप्शन लेकर नॉमिनी सहित अन्य डिटेल भरना होगा। इसके बाद कुछ होने पर यह रकम परिजनों को मिलेगी। 

आईआरसीटीसी के अधिकारियों के मुताबिक, टिकट बुकिंग के दौरान इंश्योरेंस का ऑप्शन चुनने के बाद आईआरसीटीसी की ओर से भेजे गए इंश्योरेंस फार्म को भरना जरूरी है। इसके बाद ही ट्रैवल इंश्योरेंस सही माना जाएगा। लेकिन, 90 फीसदी लोग इसे नजर अंदाज कर देते हैं। जकि, यह सुविधा सभी यात्रियों के लिए है।

फर्स्ट एसी से लेकर स्लीपर श्रेणी के लोगों को मिलेगा लाभ

आईआरसीटीसी के अधिकारियों के मुताबिक, ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग कराने के दौरान आईआरसीटीसी पैसेंजर्स को 35 पैसे में 10 लाख रुपये का इंश्योरेंस करता है। इसकी कई श्रेणियां हैं। दुर्घटना के दौरान अगर पैसेंजर की मौत हो जाती है तो उसे 10 लाख रुपये, घायल होने और दिव्यंगता होने पर साढ़े सात लाख रुपये बीमा कवर किया जाता है। यह सुविधा ट्रेन के फर्स्ट एसी में सफर करने वालों से लेकर स्लीपर कोच के यात्रियों के लिए है।

साइबर कैफे से बुकिंग के दौरान होती है भूल

रेलवे के अधिकारियों की माने तो 30 से 40 फीसदी लोग साइबर कैफे की मदद से ऑनलाइन या आईआरसीटीसी के वेंडर से टिकट बुक कराते हैं। इस दौरान वह ओटीपी के कारण अक्सर अपना नंबर नहीं डालते हैं, जिसकी वजह से यात्रियों तक ट्रैवल इंश्योरेंस या मेल नहीं पहुंचता है। इस दौरान संचालक भी इसका ऑप्शन नहीं भरता है। इसकी वजह से लोग इससे चूक जाते हैं।

इतनी मिलेगी बीमा की राशि

मौत होने पर 10 लाख रुपये, 100 प्रतिशत दिव्यांग होने पर भी।
सात लाख पांच हजार रुपये आंशिक तौर पर दिव्यांग होने पर।
दो लाख रुपये घायल होने पर।

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