शासन द्वारा विद्यालयी शिक्षा कोर समिति का गठन, दिनेश कर्नाटक को भी मिली है जगह, जानिये उनके बारे में

उत्तराखंड शासन द्वारा राज्य में नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन हेतु गठित टास्क फ़ोर्स एवं स्टेयरिंग कमेटी के समक्ष विद्यालयी शिक्षा विभाग से संबंधित बिन्दुओ को प्रस्तुत किये जाने हेतु सचिव विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड शासन द्वारा राज्य स्तरीय ‘विद्यालयी शिक्षा कोर कमेटी’ का गठन किया गया है, जिसमे राजकीय इंटर कालेज, गहना (नैनीताल) में प्रभारी
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शासन द्वारा विद्यालयी शिक्षा कोर समिति का गठन, दिनेश कर्नाटक को भी मिली है जगह, जानिये उनके बारे में

उत्तराखंड शासन द्वारा राज्य में नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन हेतु गठित टास्क फ़ोर्स एवं स्टेयरिंग कमेटी के समक्ष विद्यालयी शिक्षा विभाग से संबंधित बिन्दुओ को प्रस्तुत किये जाने हेतु सचिव विद्यालयी शिक्षा उत्तराखंड शासन द्वारा राज्य स्तरीय ‘विद्यालयी शिक्षा कोर कमेटी’ का गठन किया गया है, जिसमे राजकीय इंटर कालेज, गहना (नैनीताल) में प्रभारी प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत डॉ दिनेश कर्नाटक को भी सदस्य के रूप में जगह मिली है , जिस पर उन्होंने माननीय शिक्षा मंत्री, सचिव उत्तराखंड शासन तथा विभाग के सम्मानित उच्चाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया है , उन्होंने कहाँ कि शासन द्वारा चुना जाना उन सब शिक्षक साथियों का सम्मान है, जिनके साथ तथा सहयोग से हम लोग पर्चों, पत्रिका, संगोष्ठियों तथा पुस्तक प्रदर्शनियों के माध्यम से निरंतर शिक्षा के सवालों पर हस्तक्षेप की विनम्र कोशिश करते रहे हैं। उम्मीद है, सदस्य के रूप में नई शिक्षा नीति के आलोक में योगदान का अवसर मिलेगा।

शासन द्वारा विद्यालयी शिक्षा कोर समिति का गठन, दिनेश कर्नाटक को भी मिली है जगह, जानिये उनके बारे में

कौन है दिनेश कर्नाटक ?
डॉ दिनेश कर्नाटक रानीबाग , नैनीताल जिले के रहने वाले है , जिन्होंने एम.ए. (हिन्दी एवं अंग्रेजी साहित्य), बी.एड. ,पीएचडी की उपाधि ली है जिनकी रचनाएँ देश की लगभग सभी प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिकाओं में तथा विभिन्न विधाओं में आलेख आदि प्रकाशित है ,

डॉ दिनेश कर्नाटक की रचनायें

• पहली कहानी ‘एक छोटी सी यात्रा’ 1991 में ‘उत्तर प्रदेश’ में छपी।

• कहानी-संग्रह ‘’पहाड़ में सन्नाटा’’, ‘’आते रहना’’ तथा ‘’मैकाले का जिन्न तथा अन्य कहानियाँ’’।

•उपन्यास ‘फिर वही सवाल’ भारतीय ज्ञानपीठ से।

•यात्रा वृतान्त ‘दक्षिण भारत में सोलह दिन’।

•आलोचना ‘हिन्दी कहानी के सौ साल तथा भूमंडलोत्तर कहानी’।

अन्य उपलब्धियां

• उपन्यास ‘फिर वही सवाल’ भारतीय ज्ञानपीठ की नवलेखन प्रतियोगिता-2009 में प्रकाशनार्थ पुरस्कृत।

• भारत-भवन, भोपाल द्वारा अक्टू0 2010 में राष्ट्रीय स्तर के युवा कहानीकारों पर केन्द्रित आयोजन युवा-2 श्रृंखला में कहानी-पाठ।

• विद्यालयी शिक्षा, उत्तराखंड की कक्षा 4, 5, 7 तथा 8 की हिन्दी पाठयपुस्तकों ‘हंसी-खुशी तथा ‘बुरांश’ के लेखन तथा संपादन में हिस्सेदारी।

• शैक्षिक सरोकारों पर केन्द्रित शिक्षकों के सामूहिक प्रयासों से निकाली जा रही पत्रिका ‘शैक्षिक दखल’ का संपादन।

दिनेश कर्नाटक के साथ साथ श्री गिरीश चंद्र बडोनी , कुसुमलता नैथानी , प्रमोद पांडेय ,पूनम राणा, भावना पाठक आदि को इस समिति में जगह मिली है।