देहरादून- पर्यटन से जुड़े लोगों के लिए सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला, कर दी ये घोषणा
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर काफी निर्भर करती है। यही नहीं उत्तराखंड में ज्यादातर लोग पर्यटन क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। अगर पर्यटन की बात करें तो पर्यटन के क्षेत्र में तीर्थाटन और साहसिक पर्यटन मजबूत दो क्षेत्र आते हैं। अगर उत्तराखंड की आर्थिकी रीड की हड्डी पर्यटन को माना जाए तो यह गलत नहीं होगा। अनुमान के मुताबिक, प्रदेश में लॉकडाउन की वजह से अब तक हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है।
लॉकडाउन के चलते उत्तराखंड के पर्यटन विभाग ने अब पर्यटन व्यवसाय करने वाले व्यक्तियों की आर्थिक मदद करने का फैसला लिया है। इसमें सबसे पहले साहसिक पर्यटन व्यवसाय करने वालों के लिए राज्य सरकार ने आर्थिक मदद देने की शुरुआत की है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग में पंजीकृत रिवर राफ्टिंग गाइडों को प्रति गाइड पांच हजार की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यहीं नहीं रिवर राफ्टिंग और एयरोस्पोर्ट्स फार्म से वर्ष 2020 -21 के लिए रिन्यूअल शुल्क नहीं लिया जाएगा।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के मुताबिक, पर्यटन विभाग ने राज्य के रिवर राफ्टिंग करने वाले गाइडों की आर्थिक मदद का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि दोबारा से पर्यटन व्यवसाय को पटरी पर लाया जाए, ताकि इसके साथ जुड़े लोगों की आर्थिक स्थित सुधर सके और राज्य की अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आ सके।
40 करोड़ से ज्यादा का होता है व्यापार
दरअसल, उत्तराखंड की नदियों में रिवर राफ्टिंग का बड़ा व्यवसाय होता है। अगर रिवर राफ्टिंग व्यवसाय से जुड़े लोगों की बात करें तो लगभग इनकी संख्या 10 हजार के करीब है जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रिवर राफ्टिंग के व्यवसाय में जुड़े हुए हैं। वैसे प्रदेश में कुल रजिस्टर राफ्ट की संख्या 560 है। रिवर राफ्टिंग का लगभग सालाना 40 करोड़ से ज्यादा का व्यापार होता है। अगर वर्ष 2019 -20 की बात करें तो दो लाख से ज्यादा लोग अकेले ऋषिकेश में ही रिवर राफ्टिंग और कैंपिंग करने पहुंचे थे।
वहीं, साहसिक पर्यटन में एयरोस्पोर्ट्स के व्यवसाय से भी सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं। बता दें कि वर्तमान में एयरोस्पोर्ट्स की प्रदेश में कुल 18 यूनिट हैं, जिसमें 44 ग्लाइडर हैं। एरो स्पोर्ट्स का व्यवसाय भी देश में तेजी से बढ़ रहा है। अब पर्यटन विभाग ने रिवर राफ्टिंग करने वाले गाइडों को ₹5000 की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। इसके साथ ही सालाना लगने वाले रिन्यू फीस को भी माफ कर दिया है। रिवर राफ्टिंग शुल्क जिसमें पर्यटन विभाग 9118 रुपए और वन विभाग 3338 रुपए प्रतिवर्ष लेता है।