हल्द्वानी-आम्रपाली विश्वविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार पर हुई कार्यशाला, प्रोफेसर बोलें नवाचारो कराये पेटेंट 

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आम्रपाली विश्वविद्यालय में उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकोस्ट) के सहयोग से बौद्धिक संपदा अधिकार पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्यअतिथि प्रो० (डा०) दुर्गेश पन्त, महानिदेशक उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद्, देहरादून (यूकोस्ट) ने वीडियों संदेश के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के निर्माण में आई०पी०आर० की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आई०पी०आर० किसी छोटे विचार को बड़ा करने एवं उसे विधि अनुरूप बनाने का कार्य करती है।
इस अवसर पर कुलपति प्रो० नरेद्र सिंह बिष्ट ने अपने उ‌द्बोधन में आई०पी०आर० का विश्वविद्यालय में महत्व पर जानकारी दी उन्होंने कहा कि आई०पी०आर० विचारों को सुरक्षित करने एवं मान्यता दिलवाने का कार्य करती है। उन्होंने विद्यार्थियों का उ‌द्बोधित करते हुऐ कहा कि उन्हें अपने ज्ञान की गहराई को अधिकतम बनाने हेतु प्रयासरत् रहना चाहिए एवं अपने विचारों को पेटेंट कराने का कार्य करना चाहिए। उन्होंने कार्यशाला के सफल आयोजन हेतु विश्वविद्यालय के सभी सदस्यों को शुभकामनाएँ दी एवं अपने अभूतपूर्व योगदान हेतु उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकोस्ट) एवं मुख्यअतिथि डा० दुर्गेश पंत को धन्यवाद दिया।
प्रतिकुलपति प्रो० (डा०) एस० के० सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थियों को नवाचार हेतु तत्पर रहना चाहिए क्योकि आधुनिक युग में नवाचार पसन्द नहीं आवश्कता है। नवाचार आई०पी०आर० वहनीयता हेतु अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने समाज एवं विश्व में आई०पी०आर० की भूमिका पर भी प्रकाश डाला उन्होंने यह भी कहा कि नवाचार के साथ आई०पी०आर० विद्यार्थियों को एक नये पथ की ओर अग्रेसित करता है।
तीन सत्रों में आयोजित इस कार्यक्रम का प्रथम सत्र प्रो० आशुतोष कुमार भट्ट के नेतृत्व में शिक्षा, उद्योग और साइबर दुनिया में आई० पी० आर० के महत्व पर केन्द्रत रहा इस सत्र में प्रो० भट्ट ने बौद्धिक संपदा का इन क्षेत्रों पर प्रभाव विषय पर चर्चा की विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला का प्रारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० (डा०) नरेन्द्र सिंह बिष्ट, प्रतिकुलपति प्रो० (डा०) एस०के० सिंह, प्रो० (डा०) एच० एस० चावला, प्रो० (डा०) आशुतोष कुमार भट्ट एवं श्री प्रदीप तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। कुलपति एवं प्रतिकुलपति ने सभी सम्मानित वक्ताओं को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
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