धारचूला - PM मोदी ने जिस ड्रेस को किया था धारण, रं समाज के गौरव का क्यों है प्रतीक

धारचूला - (प्रियदर्शिका नपलच्याल) आदि कैलाश, पार्वती कुंड और ओम पर्वत के दर्शन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस पोशाक में नजर आये थे, उस ड्रेसप को आसान भाषा में जानते हैं। लिहाजा यह रं समाज की एक पोशाक है, जिसे धारचूला के पुरुष शादी, विवाह, पूजा या अन्य शुभ कामों के लिए पहनते हैं, ये पारंपरिक कपड़े जो पुरूष रंगा ब्यनटलो यानि शेरवानी की तरह दिखने वाला और महिलायें चुंगबाला लहंगा की तरह दिखने वाला वस्त्र पहनती हैं।

रं समाज कौन सी पोशाक पहनते है -
धारचूला के तीनों घाटियों व्यास, दारमा, चौंदास घाटी के पुरुष और महिलायें आम तौर पर एक पारंपरिक वस्त्र सदाबहार और आकर्षक पोशाक में दिखते हैं, उनका यह पारंपरिक पहनावा उनके समृद्धि, समर्पण और सास्कृतिक विरासत की भावना झलकाता है। रं समाज की परम्परागत भाषा और स्थानीय विशेषता भी इससे प्रकट होती है। धारचूला के पारंपरिक वस्त्र की ऊपरी भाग में आमतौर जो पुरुष पहनते है वह वस्त्र जिसे रंगा कहते हैं जो सफेद रंग का होता हैं, धारचूला के पुरुषों के पारंपरिक वस्त्र में पगड़ी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है।

उत्तराखण्ड के पारम्परिक वस्त्र कौन-कौन से है-
धारचूला की महिलाऐं मांगलिक कार्य को पूर्ण करने के लिए पारम्परिक वस्त्रों को धारण करती हैें यह वस्त्र पिथौरागढ़ जिले के धारचूला के लोगों के पारंपरिक वस्त्र हैं, जो यहां की को संस्कृति दर्शाता है। जो स्थानीय स्थिति और रं सांस्कृतिक को दर्शाता है। घाघरी बच्चे पहनते है और महिलाएँ धारचूला के पारंपरिक वस्त्र में चुगबाला पहनती हैं, जो एक लहंगा जैसा होता है,और विविध रंगों और डिज़ाइन के साथ आता है।
धारचूला की महिलायें गले में चन्द्र हार और पैरों में बपच, हाथ में बहा नाक में बारा, बलढग जोजग, चुग और बाला सर में चुक्ती, हाथ में रगलचा पहनते है जो उनके वस्त्र को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। ये पुरुष और महिलाओं के पारंपरिक धारचूला के वस्त्र हैं, जो उनकी को दर्शाता है।