देहरादून - पुलिस दरोगा भर्ती की जांच विजिलेंस ने शासन को सौंपी, अब कितने दरोगा धोयेंगे नौकरी से हाथ 
 

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देहरादून - (निधि अधिकारी) बीते सालों पहले उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों पर धांधली सामने आयी थी, 2015 में हुई दरोगा भर्ती भी इस शक ने दायरे में आयी थी, मई 2022 से चल रही यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा धांधली घोटाले की जांच करने के बाद विजिलेंस ने अब अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। तब इस जांच में कई आरोपितों और नकल माफिया को गिरफ्तार भी किया गया। इस बीच पहले कुछ और भर्तियों में धांधली की बात सामने आई। विवेचना में पता चला कि 2015 में हुई दारोगा सीधी भर्ती परीक्षा में भी बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी। यह परीक्षा पंतनगर विश्वविद्यालय ने आयोजित कराई थी। इस पर पुलिस मुख्यालय की संस्तुति के बाद इस मामले को विजिलेंस को सौंपा गया था।

8 आरोपियों पर दर्ज हुआ था मुकदमा - 
जांच के बाद विजिलेंस ने आठ अक्टूबर 2022 को नकल माफिया समेत कुल आठ आरोपियों  के विरुद्ध हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया था। तब से इस मामले की जांच चल रही थी। शक के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने जनवरी 2023 में 20 दारोगाओं को निलंबित कर दिया था। आपको बता दें की, कई दारोगाओं पर गाज गिरना तय है, इस पूरे मामले में दारोगाओं और उनके स्वजनों की संपत्तियों की जांच भी की गई। इसमें पता चला कि कुछ दारोगा ऐसे थे जिन्होंने अपने परिवार की संपत्तियों को गिरवी रखकर नक़ल माफिया को रुपये दिए थे।

वहीँ, विजिलेंस को इनमें से कुछ दारोगाओं के खिलाफ ऐसे साक्ष्य मिल भी चुके हैं लेकिन, कुछ दारोगा ऐसे भी हैं जिनका इस मामले में संलिप्तता नहीं पाई गई। वह अपने स्तर से परीक्षा में पास हुए थे। अब विजिलेंस ने पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को भेज दी है। 20 दरोगा पिछले साल जनवरी से सस्पेंड चल रहे हैं। अब इन दरोगाओं के भविष्य का फैसला शासन में ही किया जाना है। बताया जा रहा है कि जल्द सतर्कता समिति की बैठक में इन दरोगाओं के खिलाफ मुकदमे या अन्य कार्रवाई पर फैसला किया जाना है।

33 प्रतिशत दरोगा बताए गए थे नाकाबिल - 
जांच की शुरूआत में शक जताया गया था कि कुल भर्ती दरोगाओं में से कम से कम 33 फीसदी दरोगा नाकाबिल हैं। इनमें से ज्यादातर को अपनी केस डायरी तक लिखना नहीं आता है। इन सब कामों के लिए भी वह दूसरों का सहारा लेते हैं। बता दें कि 2015 में कुल 339 दरोगा सीधी भर्ती के माध्यम से भर्ती हुए थे।


निदेशक विजिलेंस, डॉ. वी मुरुगेशन ने बताया की विजिलेंस ने अपनी जांच पूरी कर ली है। जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। अब शासन स्तर पर ही बैठक कर इस पर अगली कार्रवाई की जाएगी। जांच में जो तथ्य आए हैं, उनसे शासन को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है।

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