"Uttarakhand News - घरेलू हिंसा से निकलीं महिलाएं बनीं प्रोफेशनल ड्राइवर, अब सड़क पर भर रहीं रफ्तार"

Uttarakhand News - (निधि अधिकारी) महिला कल्याण के नाम पर आमतौर पर गृहणियों को आचार, पापड़ बनाने या सिलाई-कढ़ाई से जुड़े कामों की सलाह दी जाती है, लेकिन कुछ महिलाओं ने अपनी जिंदगी को रोमांच और रफ्तार देने के लिए ड्राइविंग का पेशा चुना है।
बता दे की, सहेली ट्रस्ट की संरक्षक श्रुति कौशिक ने बताया कि उनकी एनजीओ घरेलू हिंसा से परेशान महिलाओं के लिए स्व रोजगार के अवसर उपलब्ध कराती है। उन्होंने साल 2018 में महिला सवारियों के लिए महिला ड्राइवरों वाली शी-कैब सेवा शुरू की। तब से परिवहन विभाग के साथ मिलकर 54 महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिला चुकी हैं।

वही, उत्तराखंड की पहली महिला कॉमर्शियल ड्राइवर ममता पुजारी ने उनके एनजीओ के जरिए प्रशिक्षण लिया। वह अपनी खुद की टैक्सी से चार धाम यात्रा कराती हैं और सिर्फ महिला सवारियों को लेकर चलती हैं। उनकी तरह ही यशोदा और राधा भी ड्राइविंग कर जीविका चला रही हैं।
