निकाय चुनाव 2024- अभी नगर निकाय चुनाव दूर की कौड़ी नजर आ रही हैं, अब शासन ने इस निर्णय से चौकाया
Oct 1, 2024, 18:53 IST
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Uttarakhand Municipal Election 2024 प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की स्थिति न बन पाने के दृष्टिगत सरकार ने निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल फिर बढ़ा दिया है। नगर निकायों का पांच वर्ष का कार्यकाल गत वर्ष एक दिसंबर को समाप्त होने के बाद इन्हें प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। इसके साथ ही राज्य में अब निकाय चुनावों का और आगे खिसकना तय हो गया है।
Municipal Election 2024: प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की स्थिति न बन पाने के दृष्टिगत सरकार ने निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल एक बार और बढ़ा दिया है। जानकारी मिली हैं कि सचिव शहरी विकास नितेश कुमार झा की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक गत वर्ष एकल समर्पित आयोग से निकायों में ओबीसी (अदर बैकवर्ड क्लास) को प्रतिनिधित्व संबंधी रिपोर्ट प्राप्त न होने के कारण निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए।
नए बोर्ड के गठन तक बढ़ा कार्यकाल
शासन ने शनिवार को इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी। इसके मुताबिक निकायों में नए बोर्ड का गठन होने तक प्रशासकों का कार्यकाल विस्तारित किया गया है। इसके साथ ही राज्य में अब निकाय चुनावों का और आगे खिसकना तय हो गया है।
*पहले जून में बढ़ चुका हैं प्रशासक का कार्यकाल*
सभी को जानकारी पहले से हैं कि इस अवधि में चुनाव की स्थिति नहीं बन पाई तो सरकार ने इस वर्ष दो जून को प्रशासकों का कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ा दिया था। अब यह अवधि खत्म होने से पहले ही शासन ने निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल नए बोर्ड का गठन होने तक विस्तारित करने की अधिसूचना भी जारी कर दी है।
*ओबीसी आरक्षण का पेंच अटका*
गौरतलब हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार निकायों में ओबीसी आरक्षण का नए सिरे से निर्धारण किया जाना था । इसके बाद लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते विलंब हुआ तो प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाया गया। वर्तमान में मानसून सीजन में अतिवृष्टि, भूस्खलन, बादल फटने जैसी घटनाएं हो रही हैं। यही नहीं, निकायों में ओबीसी सर्वे में भी समय लगने की संभावना है। ऐसे में निकायों में प्रशासनिक शून्यता की स्थिति न हो, इसी के दृष्टिगत प्रशासकों का कार्यकाल विस्तारित किया गया है।
उधर, निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल बढऩे से यह भी साफ हो गया है कि निकाय चुनाव और आगे खिसकेंगे। यह मामला पहले ही प्रवर समिति को जा चुका हैं जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई हैं।
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