''उत्तराखंड में निजी विद्यालयों में भी 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक पढ़ाई जाएगी।''

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देहरादून -( जिया सती ) उत्तराखंड के निजी विद्यालयों में 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक को लागू करने से देश-विदेश के बच्चे उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित हो सकेंगे। यह पुस्तक कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में शामिल की गई है | 

इस पुस्तक के माध्यम से विद्यार्थी उत्तराखंड की लोक विरासत, सांस्कृतिक विविधता, पृथक राज्य आंदोलन, सांस्कृतिक व सामाजिक चेतना से जुड़े आंदोलन, लोकगीत, लोकनृत्य, पर्यटन व ऐतिहासिक स्थल सहित राज्य की महान विभूतियों के बारे में जान सकेंगे। यह पुस्तक शैक्षिक सत्र 2025-26 से विद्यालय स्तर पर लागू की जाएगी |

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने घोषणा की है कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा तैयार 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक अब प्रदेश के सभी निजी विद्यालयों में भी पढ़ाई जाएगी। इस पुस्तक के माध्यम से विद्यार्थी उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक लोक विरासत, लोकगीत, लोक नृत्य, सांस्कृतिक विविधता, प्रदेश का गौरवशाली इतिहास, पृथक राज्य आंदोलन, विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृतिक व सामाजिक चेतना से जुड़े आंदोलन, प्रदेश का सामाजिक व आर्थिक विकास सहित प्रदेश की महान विभूतियों की जीवनी से परिचित होंगे | 

इसके अलावा, निजी विद्यालयों में बच्चों के बस्तों का भार कम किया जाएगा और हर महीने एक दिन 'बैग फ्री डे' मनाया जाएगा। यह पहल विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति के प्रति गर्व और जागरूकता उत्पन्न करने में मदद करेगी।

शिक्षा मंत्री ने घोषणा की है कि निजी विद्यालयों में 'हमारी विरासत एवं विभूतियां' पुस्तक पढ़ाई जाएगी। यह पुस्तक कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में शामिल की गई है ¹। इस पुस्तक के माध्यम से विद्यार्थी उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक लोक विरासत, लोकगीत, लोक नृत्य, सांस्कृतिक विविधता, प्रदेश का गौरवशाली इतिहास, पृथक राज्य आंदोलन, विभिन्न राजनीतिक, सांस्कृतिक व सामाजिक चेतना से जुड़े आंदोलन, प्रदेश का सामाजिक व आर्थिक विकास सहित प्रदेश की महान विभूतियों की जीवनी से परिचित होंगे |

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