"बरेली - विश्व प्रेस दिवस पर हुई गोष्ठी, क्या वाकई पत्रकारिता आज भी है स्वतंत्र और निष्पक्ष?"

बरेली - (निधि अधिकारी) आज दिनांक 3 मई 2025 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (उपज) द्वारा बरेली में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शहर के वरिष्ठ पत्रकार, प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद और इन्वर्टीज़ विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य प्रेस की स्वतंत्रता, पत्रकारों की भूमिका, मीडिया की जिम्मेदारियों और वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा करना था।

बता दे की, कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जिला सूचना अधिकारी नीतू कन्नौजिया ने कहा कि प्रेस लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और इसकी स्वतंत्रता और निष्पक्षता लोकतंत्र को मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि प्रेस को बिना डर और पक्षपात के सच को सामने लाने का अधिकार और कर्तव्य दोनों हैं।

दरअसल, वरिष्ठ पत्रकार शंकर दास ने कहा कि पत्रकारिता को जनसेवा का माध्यम मानना चाहिए और युवा पत्रकारों को निडर होकर सच के साथ खड़े रहना चाहिए। उपज के प्रदेश उपाध्यक्ष आरके सिंह ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता एक बड़ी चुनौती है, लेकिन पत्रकारों को अपनी सीमाओं और गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।
साथ ही, उपज के अध्यक्ष आशीष गुप्ता ने कहा कि आज का दिन आत्मचिंतन का भी है और पत्रकारों को अपनी खबरों के प्रभाव को समझना चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय हितों से जुड़े मुद्दों में सावधानी रखनी चाहिए, लेकिन जनहित के मुद्दों पर पत्रकारों को पूरी स्वतंत्रता होनी चाहिए।
वही, कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने अनुभव साझा किए और छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया। इस अवसर पर भीम मनोहर को उनकी उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का समापन प्रेरक शायरी और राष्ट्रहित में पत्रकारिता को समर्पित रहने की शपथ के साथ किया गया। यह विचार गोष्ठी प्रेस की स्वतंत्रता पर गंभीर विमर्श और पत्रकारिता के मूल्यों को पुनः जागरूक करने वाली एक प्रेरणादायी पहल साबित हुई।