हल्द्वानी- कल सुबह 7 बजे न्यूज टुडे नेटवर्क द्वारा योग दिवस पर होगा लाइव प्रसारित, ऐसे मिलेंगी आपको योग हेल्थ टिप्स

कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में भय का माहौल बना हुआ है। ऐसे में लोग इससे बचने के लिए अलग.अलग उपाय कर रहे हैं। लोगों द्वारा कई प्रकार के नुस्खे अपनाने के साथ.साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पुरानी परंपराओं की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है। इनमें योगासान
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हल्द्वानी- कल सुबह 7 बजे न्यूज टुडे नेटवर्क द्वारा योग दिवस पर होगा लाइव प्रसारित, ऐसे मिलेंगी आपको योग हेल्थ टिप्स

कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में भय का माहौल बना हुआ है। ऐसे में लोग इससे बचने के लिए अलग.अलग उपाय कर रहे हैं। लोगों द्वारा कई प्रकार के नुस्खे अपनाने के साथ.साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए पुरानी परंपराओं की ओर भी ध्यान दिया जा रहा है। इनमें योगासान और प्राणायाम भी शामिल हैं।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते प्राणायाम व योगासन

श्री सिध्दम योग फाउंडेशन की निदेशक योगाचार्या नीता जोशी कहतीं हैं कि योग और प्राणायाम का नियमित अभ्यास शरीर को स्वस्थ रखने के साथ हमारे प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में काफी मददगार साबित होते हैं। ये खांसीए जुकाम, वायरल बुखार, कमर दर्द, सांस लेने में तकलीफ आदि बीमारियों में लाभकारी होते हैं। योगासन और प्राणायाम करने वाले व्यक्तियों में स्फूर्ति व ऊर्जा का संचार होने के साथ शरीर के नस-नाडिय़ों की शुद्धि होती है। साथ ही रोग से लडऩे की क्षमता मिलती है। अंतराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर योग गुरु हेमन्त जोशी ने बताया कि जीवन में जिस प्रकार भोजनए पानी और कपड़े की जरूरत हैए उसी प्रकार प्राणायाम और योगासन भी जरूरी हैं। ये आसान और प्राणायाम विभिन्न प्रकार की बीमारियों में लाभकारी होने के साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में काफी मदद करते हैं।

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yoga charya Hemant sharma

कोरोनो के कारण बढ़ी है जागरूकता

योगाचार्य हेमन्त कहते हैं कि कोरोनो के कारण लोगों में प्राणायाम और योगासन को लेकर जागरूकता बढ़ी है। अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए लोग इन चीजों पर ध्यान दे रहे हैं। अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आसान और प्राणायाम के जरिए हम अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं। आसान और प्राणायाम करने वाले सात्विक आहार ग्रहण करें। लोग अपने घरों में आसान और प्राणायाम को कर सकते हैं ।

अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जरूर करें ये पांच.पांच प्राणायाम व योगासन

शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने की बात करें तो पांच.पांच प्रकार के प्राणायाम और योगासन प्रमुख हैं। पांच प्रकार के प्राणायाम में भस्त्रिका, कपालभाती, अनुलोम.विलोम, भ्रामरी, उज्जायी शामिल हैं। साथ ही पांच प्रकार के योगासन में मंडूकासन, वक्रासन, ताड़ासन, भुजंगासन, शशांकासन हैं। इनका नियमित अभ्यास करने से शरीर चुस्त-दुरूस्त होने के साथ शरीर स्वस्थ रहता है।

प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम

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शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ फेफड़े स्वस्थ रहते हैं और इसमें छिपे रोग दूर होते हैं। यह आमाशय तथा पाचक अंग को भी स्वस्थ रखता है। पाचन शक्ति में वृद्धि होने के साथ शरीर को स्फूर्ति मिलती है। इस क्रिया से सांस संबंधी परेशानी दूर होती है। उच्च रक्तचाप, हृदय, दमा, अल्‍सर व मिर्गी रोगों से पीडि़त लोग तथा गर्भवती महिलाएं इस आसान को नहीं करें। विधि-किसी भी आसान में सुखपूर्वक बैठने के साथ एक गहरी सांस लेते हुए पेट पर जोर देते हुए सांस छोड़ें। इसे तीन से पांच मिनट तक करें।

कपालभाती

कपालभाती प्राणायाम शरीर के लिए बेहद लाभकारी है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ कब्जए मोटापा, डाइबिटिज, दिमाग संबंधी, वजन, प्रजनन आदि संबंधी कई प्रकार की बीमारी में लाभ मिलता है। यह आतंरिक सिस्टम को मजबूत करने के साथ रोगों से लडऩे में सहायक होता है। विधि-किसी भी आसन में शांत बैठने के बाद अपने अंदर के श्वास को बलपूर्वक तेजी से छोडऩा होता है। इसके करने से पेट पर झटका पड़ता है। एक सेकेंड में एक बार अपनी शक्ति के अनुसार कर सकते हैं। हृदय रोग वाले रोगी इसे करने से बचें।

अनुलोम-विलोम प्राणायाम

यह सबसे प्रमुख प्राणायाम माना जाता है। इसके अभ्यास से नाड़ी शोधन होने के साथ शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन शरीर को मिलता है। जिससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होने के साथ प्रसन्न प्रसन्न होता है। साथ ही असंख्य बीमारियों का नाश धीरे-धीरे होने लगता है।विधि-किसी भी आसन में बैठने के बाद अपने बाएं हाथ के अंगूठे से बांयी नाक के छिद्र को बंद करकेए दायीं नाक के छिद्र को खोलकर इसके जरिए सांस छोड़े। दूसरी ओर से भी इस प्रकिया को दोहराएं।

भ्रामरी प्राणायाम

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ हृदय और मानसिक रोग में लाभकारी है। अनिद्राए डिप्रेशनए क्रोध को शांत करने में मददगार होता है। मन की चंचलता को दूर करने के साथ मन को एकाग्र करता है। पेट के विकारों को दूर करने के साथ मन और मस्तिष्क की एकाग्रता बढ़ती है। इससे मस्तिष्क के नसों को आराम मिलता है। विधि-किसी भी आसन में बैठने के बाद कानों को अंगुली से बंद कर ओम का उच्चारण धीरे.धीरे करना होता है।

ओंकार प्राणायाम

शांत एवं शुद्ध वातावरण में किसी भी आसन में बैठ कर अपने अंदर गहरी सांस भर कर ओम शब्द का उच्चारण करना होता है। प्राणायाम करने वाले सभी चक्र का जागरण होता है जिससे सर्व रोग का नाश होता है। इसके अभ्यास से मन शांत और शांति की अनुभूति होती है। प्रतिरोधक क्षमता बढऩे के साथ शरीर को नई ऊर्जा मिलती है। अनिद्रा की बीमारी दूर होती है।

योगासनमंडूकासन

मंडूकासन में मेढ़क की तरह अपने शरीर को बनाना होता है। यह आसन पेट संबंधी समस्या को दूर करने के साथ प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह आसन हृदय को मजबूत बनाने में मददगार होता है।
विधि-व्रजासन में बैठते हुए दोनों हाथों की मुठ्ठी बंद कर अंगूठे को अंगुलियों से अंदर दबाए। फिर दोनों मुठ्ठी को नाभि के दोनों ओर लगाकर श्वास बाहर निकालते हुए समाने की ओर झुकें और ठोड़ी को भूमि पर टिका दें। फिर सांस को वापस लेते हुए अपने आसन में आए।

शशांकासन

यह आसन हृदय रोगियों के लिए लाभदायक होता है। वही इस आसन से पेटए कमरए कूल्हों की चर्बीए मानसिक रोग में लाभ होने के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। विधि-ब्रजासन में बैठने के बाद दोनों हाथों को उपर सांस भरते हुए उठाए। कंधों को कानों से सटा हुआ महसूस करें। फिर सामने की ओर झुकते हुए दोनों हाथों के आगे समानांतर फैलाते हुए सांस को बाहर निकाले और हथेलियों को भूमि पर टिका दें।

वक्रासन

इस आसन का अभ्यास करने से लीवरए किडनीए कमर दर्द एवं मधुमेह में लाभ मिलने के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। यह आसान युवाओं को करने की जरूरत है। विधि-दोनों पैरों को सामने फैलाते हुए हाथों को बगल में रखते हैं। कमर सीधी और निगाह सामने हों। दाएं पैर के घुटने को मोड़कर और बाएं पैर के घुटने की सीध में रखते हैं। उसके बाद दाएं हाथ को पीछे ले जाते हैं। गर्दन को धीरे.धीरे पीछे की ओर ले जाते हैं।

ताड़ासन

इस आसान का अभ्यास मांसपेशी मजबूत करने के साथ कमरए पीठ दर्द आदि में राहत देता है। बच्चों की लंबाई बढ़ाने में मदद करता है। शरीर के अनावश्यक चर्बी को कम करता है। पैरों के सूजनए झंझनाहट को दूर करने में लाभ देता है।
विधि-हाथ को अपने सिर से उपर की ओर सीधे ले जाएं। इसके बाद दोनों हाथ को पंजे को एक दूसरे से जोड़ कर रखने के साथ दोनों पैर के पंजो को सांस लेते हुए उठाएं।

भुजंगासन

यह आसन पेट की चर्बी को ठीक करने के साथ शरीर को स्वस्थ रखता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इस आसन से बाजुओं में ताकत आती है। कब्ज को दूर करने के साथ शरीर को बलवान बनाता है। कमर दर्द में भी यह आसन लाभकारी है। विधि-पेट के बल लेटते हुए दोनों हाथ की कोहनी को सीने के आसपास रखने के साथ सांस भरते हुए आसमान की ओर देखने का प्रयास करें। सांस को छोड़ते हुए फिर वापस आ जाएं।