हल्द्वानी- असौज के महीने में धूम मचा रहा मेरी बाना घसेरी, पहाड़ के मेहनती महिलाओं की संघर्ष की झलक दिखा रहा ये गीत

Haldwani news- एक बार फिर घुघुती जागर आरडी Kumauni Songs के बैनर तले बना एक सुंदर गीत लोगों के बीच आया है। जिसे लोगों ने खूब सराहा है। यू-ट्यूब पर इस गीत को अभी तक करीब 25 हजार व्यूज मिल चुके हैं। इस गीत को कुमाऊंनी कवि राजेन्द्र ढैला और लोकगायक राजेन्द्र प्रसाद ने लिखा
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हल्द्वानी- असौज के महीने में धूम मचा रहा मेरी बाना घसेरी, पहाड़ के मेहनती महिलाओं की संघर्ष की झलक दिखा रहा ये गीत

Haldwani news- एक बार फिर घुघुती जागर आरडी Kumauni Songs के बैनर तले बना एक सुंदर गीत लोगों के बीच आया है। जिसे लोगों ने खूब सराहा है। यू-ट्यूब पर इस गीत को अभी तक करीब 25 हजार व्यूज मिल चुके हैं। इस गीत को कुमाऊंनी कवि राजेन्द्र ढैला और लोकगायक राजेन्द्र प्रसाद ने लिखा है। राजेन्द्र प्रसाद ने ही अपनी सुंदर आवाज इस गीत में दी है। इस वीडियों गीत को लोगंों का भरपूर प्यार मिल रहा है।

कुमाऊंनी कवि राजेन्द्र ढैला ने बताया कि इस गीत की शूटिंग मोरनौला, देवीधुरा और शहरफाटक में हुई। यह गीत ऐसे समय में रिलीज हुआ है जब पहाड़ों में धान और घास की कटाई चल रही है। यह गीत भी घास काटने पर फिल्मांया गया है। जो पहाड़ के मेहनती महिलाओं की झलक दिखाता है। वह किस तरह अपने रोजाना की जिंदगी जीते है। साथ ही कुमाऊंनी गीतों से अपना मनोरंजन भी करते है।

ढैला ने बताया कि जल्द उनके चैनल से कई और सुपरहिट गीत रिलीज होने वाले है। वह पहाड़ की संस्कृति को अपनी कविताओं और गीतों के माध्यम से आगे बढ़ाने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि आज युवा अपनी संस्कृति को भूलता जा रहा है। पहाड़ विरान हो चुके है। जिस तरह गीत में घस्यारियों को घास काटते हुए दिखाया गया है ठीक उसी तरह आजकल पहाड़ों में भी महिलाएं घास काटने में जुटी है। लेकिन इसमें अधिकांश बुजुर्ग लोग है जो गांव में बसे है। युवा पीढ़ी लगातार पलायन कर रही है। इस गीत के माध्यम से उन्हें याद दिलाने की कोशिश की गई है कि किस तरह आजकल पहाड़ों काम चल रहा है। आप भी परदेश से आये और बुजुर्गो का हाथ बंटाये।

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