हल्द्वानी - सुअर का मीट और कच्ची गोभी खाने से यहां पहुंचा लार्वा, STH में आया मामला, डॉक्टर ने बताया कैसे बचें
हल्द्वानी - सुशीला तिवारी अस्पताल (STH) के नेत्र रोग विभाग में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। सुअर का मीट और कच्ची पत्ता/फूल गोभी के सेवन से आंखों में परजीवी लार्वा पहुंचने का मामला स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बन गया है। इससे ऑक्यूलर सिस्टीसर्कोसिस नामक गंभीर बीमारी हो सकती है, जो आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचाकर दृष्टि कम होने या अंधेपन तक का कारण बन सकती है।
नेत्र रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रतीक कौल ने बताया कि हाल ही में जमरानी बांध क्षेत्र का एक मरीज अचानक धुंधला दिखने की शिकायत लेकर ओपीडी में पहुंचा। जांच के दौरान ऑप्थाल्मोस्कोपी और अल्ट्रासाउंड में उसकी आंख के भीतर सिस्टीसर्कोसिस लार्वा पाया गया।
डॉ. कौल ने बताया कि यह बीमारी अधिकतर सुअर के अधपके मीट, कच्ची गोभी या बिना धुले सलाद के सेवन से होती है। इनमें मौजूद सूक्ष्म परजीवी अंडे नजर नहीं आते। खाने के साथ ये अंडे आंतों में पहुंचकर फूट जाते हैं और रक्त के माध्यम से आंखों तक पहुंच जाते हैं, जहां जाकर यह सिस्ट बनाकर रेटिना को नुकसान पहुंचाते हैं। यह बीमारी लगभग 1000 लोगों में एक में देखने को मिलती है।
लक्षण -
आंखों में लगातार दर्द या सूजन
चीजें दो-दो दिखाई देना
पलकों का नीचे झुक जाना
अचानक धुंधला दिखना या दृष्टि कम होना
कैसे बचें -
फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर खाएं
मीट को पूरी तरह पकाकर ही सेवन करें
आंखों को बार-बार छूने से बचें
छिली हुई और साफ सब्जियां ही उपयोग में लाएं
विशेषज्ञ की राय -
ऑक्यूलर सिस्टीसर्कोसिस आंख का एक परजीवी संक्रमण है जो टीनिया सोलियम (पॉर्क टैपवर्म) के लार्वा से होता है। यह आंख में तरल से भरी सिस्ट बनाता है, जो नजर कमजोर तथा अंधेपन का कारण बन सकता है। उपचार दवाओं और आवश्यक होने पर सर्जरी से किया जाता है।
— डॉ. प्रतीक कौल, नेत्र रोग विभाग, STH
