हल्द्वानी - जमीन के अंदर से दहाड़ी मां काली, पश्चिम बंगाल के भक्त को दिए दर्शन, जानिए कैसे बना कालीचौड़ मंदिर सिद्ध पीठ

Kalichaur Mandir Haldwani Story - नवरात्री में मां दुर्गा को कई रूपों में पूजा जाता है, उन्हीं में एक नाम आता है माता काली का, उत्तराखण्ड़ का एक प्रसिद्ध काली माता का मंन्दिर नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर से नौ से दस किलोमीटर दूर गौलापार से दूर स्थित उच्च चोटी पर है. माता काली (Kalichaur Mandir Haldwani) माँ दुर्गा का अवतार भी मानी जाती है. इस मंन्दिर में माँ के दर्शन करने के लिए स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु भारी संख्या में आते है.

कालीचौड़ मंदिर का इतिहास - (History of Kalichaur Mandir Haldwani)
जंगल के बीचों बीच माँ काली का प्राचीन मंन्दिर हल्द्वानी के गौलापार में स्थित है. कालीचौड़ मंन्दिर ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रहा हैं. गुरु गोरखनाथ, महेन्द्रनाथ, सोमवारी बाबा, नान्तीन बाबा, हैड़ाखान बाबा सहित अनेक सन्तों ने अपने अध्यात्मिक जीवन की शुरुआत में कालीचौड़ में ही तपस्या कर माँ काली की कृपा से ज्ञान की प्राप्ति की. आधुनिक काल में इस मंदिर की स्थापना के बारे में मान्यता है कि 1930 के दशक में कलकत्ता, पश्चिम बंगाल के रहने वाले एक भक्त को सपने में आकर माँ काली ने स्वयं इस गुमनाम स्थल के बारे में जानकारी दी. काली माता के भक्त इस कलकत्तावासी ने अपने हल्द्वानी निवासी एक मित्र रामकुमार चूड़ीवाले को माँ काली द्वारा स्वप्न में आकर यह सूचना देने की जानकारी दी. जिसके बाद जमीन की खुदाई कर माँ समेत सभी मूर्तियों को बाहर निकाला गया और जंगल के बीचों बीच ही देवी का मंन्दिर स्थापना किया गया, जिसे आज कालीचौड़ मंन्दिर नाम से जाना जाता है.

कालीचौड़ मंदिर (Kalichaur Mandir History Haldwani) साल और सागौन के जंगलों के बीचों बीच स्थापित यह मंदिर शांति का अहसास देता है. माना जाता है कि कालीचौड़ मंदिर प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों की तपस्या का केंद्र रहा है. कालीचौड़ मंदिर काठगोदाम से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मान्यता है कि मां काली मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी करती हैं. नवरात्रि और शिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु मां काली के दर्शन करने यहां आते हैं. माना जाता है कि नवरात्रि के दिन मां के मंदिर में जो पूरी श्रद्धा से शीश झुकाता है, उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं.
कैसे पहुँचे माता कालीचौड़ मंदिर - (How to reach Kalichaur Temple Kathgodam)
कालीचौड़ मन्दिर हल्द्वानी (Mata Kali Temple Haldwani) से लगभग से 9 - 10 किलोमीटर दूर स्थित है. कालीचौड़ मंदिर के लिए काठगोदाम गौलापार मार्ग पर खेड़ा सुल्तानपुरी से एक खूबसूरत पैदल रास्ता जाता है इस दूरी को श्रद्धालु पैदल या वाहन की मदद से तय कर सकते हैं. काठगोदाम रेलवे स्टेशन से यह मंदिर लगभग 4 किलोमीटर दूरी पर है. हल्द्वानी शहर बसों और ट्रेन के माध्यम से प्रदेश के बड़े शहरों से सीधा जुड़ा हुआ है. इसीलिए आप इस मंदिर तक सफर आसानी से कर सकते हैं.
(नोट - यह लेख धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है न्यूज़ टुडे नेटवर्क इसकी सत्यता की पृष्टि नहीं करता)
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