हल्द्वानी - दिलचस्प हुआ एमबीपीजी का रण, क्या ABVP और NSUI का खेल बिगाड़ेगी निर्दलीय प्रत्याशी!
 

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हल्द्वानी - कुमाऊं के सबसे बड़े छात्र संख्या वाले कॉलेज एमबीपीजी हल्द्वानी (MBPG Collage Haldwani Student Election 2022) में अध्यक्ष पद पर त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है। छात्रसंघ चुनाव में ABVP से टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर रश्मि लमगड़िया के निर्दलीय मैदान में उतरने से चुनाव दिलचस्प हो गया है। जीत को लेकर सभी प्रत्याशियों के अपने अपने तर्क और दावे हैं।

राज्य भर में आगामी 24 दिसंबर को होने वाले छात्र संघ चुनावों से पहले इस सर्द मौसम में कॉलेजों का चुनावी माहौल गर्म है, बुधवार को हल्द्वानी में नामांकन रैली से सभी प्रत्याशियों ने अपना - अपना दमख़म दिखाया। अमूमन दो प्रमुख छात्र संगठनों के बीच होने वाले चुनाव में एक निर्दलीय छात्रा के नामांकन से चुनाव दिलचस्प हो गया है। अब  ABVP , NSUI और प्रबल दावेदारी कर रही निर्दलीय प्रत्याशी रश्मि लमगड़िया बीच मुकाबला लगभग तय है।

निर्दलीय अध्यक्ष पद की छात्रा प्रत्याशी रश्मि लमगड़िया (Rashmi Lamgariya MBPG Collage Haldwani)  से बात की तो उनका दर्द छलक गया। उन्होंने कॉलेज के छात्र छात्राओं से कहा कि उनके साथ आज कोई संगठन नहीं है, उन्होंने कहा उनके साथ जो टिकट काटने का आधी रात को अन्याय हुआ है उसका जवाब देना है। रश्मि ने आरोप लगाया कि एबीवीपी ने टिकट ऐसे छात्र को दे दिया जो महज एक वर्ष पहले ही संगठन में आया है। उन्होंने कहा कि इस परिसर में 30 प्रतिशत महिला आरक्षण की बात कही जाती है, लेकिन उन्हें एक प्रत्याशी के समर्थकों ने भद्दी भद्दी गालियां दी। उन्होंने ये भी कहा की उन्हें झांसी की रानी बनने से भी रोका गया है। रश्मि ने चुनाव जीतने के बाद छात्र - छात्राओं के हित में कार्य करने की बात कही।

एबीवीपी से अधिकृत प्रत्याशी कौशल बिरखानी (Kaushal Birkhani ABVP) ने बताया कि वो कॉलेज के चुनावी मुद्दों और महिला सशक्तिकरण व महिला सुरक्षा ऐप को लेकर छात्राओं के वोटों से बढ़त लेना चाहते हैं। टिकट फाइनल होने के बाद प्रसन्न मुद्रा में दिखे कौशल ने बताया कि वो अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं और अपने साथियों के साथ सलाह मशविरा करके आगे की रणनीति बनाएंगे। कौशल ने ये भी बताया कि वो अपनी पुरानी साथी रश्मि के साथ वार्ता कर उन्हें अपने समर्थन में लाने का प्रयास करेंगे।


एनएसयूआई प्रत्याशी सूरज भट्ट (Suraj Bhatt NSUI)  ने कहा कि एबीवीपी में बहुत कमियां हैं, उन्हें काम करना नहीं आता है और छात्र उनसे नाराज हैं। सूरज ने कहा कि एबीवीपी के नेताओं में छात्रहितों में काम करने का कम भाव था इसलिए उन्होंने पाला बदला। संगठन में पूर्व प्रत्याशी को प्रलोभन देकर बैठाने और खुद चुनाव लड़ने के आरोपों को नकारते हुए सूरज ने कहा कि वो सामान्य परिवार से हैं और ऐसा करना उनके बस में नहीं है। उन्होंने कहा कि पुराने प्रत्याशी को तालमेल के तहत बैठाकर वो खुद चुनाव मैदान में उतरे हैं। 
हालांकि पुराने प्रत्याशी संजय जोशी जिन्हें NSUI ने टिकट नहीं दिया वह निर्दलीय प्रत्याशी रश्मि लमगड़िया के खुले समर्थन में दिखाई दिए। ऐसे में एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों छात्र संघठनो में खूब बगावत हुई है माना जा रहा है इससे निर्दलीय प्रत्याशी रश्मि लमगड़िया को मजबूती मिली है बहरहाल इस बार एमबीपीजी का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।

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