देहरादून-हर हाथ रोजगार देने की सरकार ऐेसे कर रही तैयारी, अब आजीविका से जुड़ेगी ये योजना
देहरादून-कोरोना महामारी से लाखों प्रवासी उत्तराखंड वापस आये है। ऐसे में सरकार के पास एक बड़ा मौका है कि उन्हें गांव में ही रोका जाय। वहीं कई प्रवासी भी यही रहकर काम करना चाहते है। सरकार भी प्रवासियों को यही रोजगार से जोडऩे की लगातार कोशिश कर रही है। कोरोनाकाल के बाद अप्रैल माह में प्रदेश के अंदर मनरेगा में तेजी से काम शुरू कराए गए थे। अब तक प्रदेश में करीब पांच लाख लोग जुड़ चुके हैं और 35 हजार से अधिक काम शुरू कराए जा चुके हैं। ये काम जल संवद्र्धन, आंगनबाड़ी, पंचायत भवन निर्माण से संबंधित थे।
इसमें अभी तक लोग काम करके तय मजदूरी पाते थे। उत्तराखंड में मनरेगा योजना के तहत श्रमिक अब मजदूरी करने के अलावा अपना काम भी शुरू कर सकेंगे। मनरेगा को आजीविका से जोड़ा जायेगा। सरकार इस योजना पर करीब 218 करोड़ रुपये खर्च करेगी और पहले चरण में करीब 30 हजार जॉबकार्ड धारक परिवारों को इसका सीधा फायदा हो सकता है।
इस नई योजना के तहत संबंधित विभागों से मिलकर मनरेगा में अपना काम शुरू करने के लिए पैसे दिए जाएंगे और विभाग इसमें उस व्यक्ति की अपनी योजनाओं के हिसाब से मदद करेंगे। मसलन मुर्गी बाड़ा बनाने के लिए मनरेगा से पैसा दिया गया। संबंधित विभाग उस व्यक्ति को चूजे भी उपलब्ध कराएगा। प्रदेश में मनरेगा का बजट इस समय करीब 710 करोड़ रुपये है। इसका 35 प्रतिशत आजीविका पर खर्च करने का फैसला किया गया है। भूमिहीन परिवारों के लिए 41 हजार और अन्य परिवारों के लिए 99 हजार रुपये का पैकेज देने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।