देहरादून-उत्तराखंड लोक संगीत के बहुरेंगे दिन, अब यहां अपना गीत अपलोड करने पर मिलेंगे पैसे

देहरादून-अगर आप लोकसंगीत में दिलचस्पी रखते है तो आपके लिए अच्छी खबर है। सरकार अब आपको आपकी मेहनत का पैसा देंगी। सरकार ने लोक संगीत के संरक्षण की जिम्मेदारी ली है ऐसे में कलाकारों को घर बैठे मेहनताना मिलेगा। इस संबध में संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश पर विभाग ने इस योजना का खाका
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देहरादून-उत्तराखंड लोक संगीत के बहुरेंगे दिन, अब यहां अपना गीत अपलोड करने पर मिलेंगे पैसे

देहरादून-अगर आप लोकसंगीत में दिलचस्पी रखते है तो आपके लिए अच्छी खबर है। सरकार अब आपको आपकी मेहनत का पैसा देंगी। सरकार ने लोक संगीत के संरक्षण की जिम्मेदारी ली है ऐसे में कलाकारों को घर बैठे मेहनताना मिलेगा। इस संबध में संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश पर विभाग ने इस योजना का खाका खींचकर अनुमोदन के लिए शासन को भेजा है। इसे हरी झंडी मिलने के बाद गांव में बैठे कलाकारों के दिन बहुरेंगे।

देहरादून-उत्तराखंड लोक संगीत के बहुरेंगे दिन, अब यहां अपना गीत अपलोड करने पर मिलेंगे पैसे
जी हां कोई भी कलाकार संस्कृति विभाग के यू-ट्यूब चैनल और फेसबुक पेज पर पारंपरिक लोकवाद्य व गीत से जुड़ी अपनी प्रस्तुति अपलोड कर सकेगा। अच्छी प्रस्तुतियों को सरकार उचित प्रोत्साहन राशि भी देगी। बता दें कि कोरोना संकट को देखते हुए पिछले साढ़े चार माह से कलाकार मंच पर प्रस्तुतियां नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें आर्थिक परेशानियों से गुजरना पड़ा। इसे देखते हुए उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से मंच मुहैया कराने का खाका खींचा गया है।

देहरादून-उत्तराखंड लोक संगीत के बहुरेंगे दिन, अब यहां अपना गीत अपलोड करने पर मिलेंगे पैसे

प्रदेश के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज का कहना हैं कि संस्कृति विभाग के यू-ट्यूब चैनल व फेसबुक पेज के जरिये लोक संगीत और कलाकारों को संरक्षण देने की योजना है। इसमें संस्कृति विभाग खुद भी कलाकारों के ऑडियो-वीडियो की रिकार्डिंग कर सोशल मीडिया में अपलोड करेगा। इसके अलावा किसी भी गांव अथवा क्षेत्र का कोई भी कलाकार लोकवाद्य, लोकगीत से जुड़ी अपनी प्रस्तुतियों के ऑडियो-वीडियो इन दोनों प्लेटफार्म पर अपलोड कर सकेगा। इसके लिए उसे प्रमाण देना होगा कि संबंधित रचना उसकी अपनी है। इस पहल के परवान चढऩे पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में युवा लोक विरासत से जुड़ेंगे। उधर, संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट के अनुसार शासन से अनुमोदन मिलने पर योजना को धरातल पर उतारा जाएगा।