देहरादून- खनन निदेशक राजपाल लेघा की बनाई नीति हों गई कामयाब, अब राजस्व एकत्र और अवैध खनन रोकथाम के लिये यहाँ बनेगे इतने चेकपोस्ट 

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देहरादून - अपनी शानदार शैली के लिये जाने जाने वाले खनन निदेशक राजपाल लेघा राज्य सरकार के राजस्व इकठ्ठा करने में साल दर साल नई ऊंचाइयों छू रहें हैं। वर्तमान वर्ष 2024-25 (माह अप्रैल से सितम्बर) में रू०456.63 करोड राजस्व की प्राप्ति का नया रिकॉर्ड बनाया हैं। यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में 78% तक अधिक आकी जा रही हैं।
*विभाग को धनकुबेर बनाने के लिये यह बनाई संरचना*
1 खनन विभाग में लगातार अवैध खनन पर वार करने के लिये निदेशालय स्तर पर गठित प्रर्वतन दल के द्वारा अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण की प्रभावी रोकथाम ही राजस्व एकत्रित करने में पहला बड़ा कदम रहा हैं। 
2 मुख्यालय स्तर पर ई-रवन्ना पोर्टल की समय-समय पर निगरानी करते हुए ई-रवन्ना के गलत इस्तेमाल पर क्रेशर से लेकर स्टॉक की निकासी बंद करने से क्रेशर स्वामियों ने ई रवन्ना का सही इस्तेमाल शुरू किया हैं।
3 सह-ई नीलामी के माध्यम से नये खनिज लॉटो का चिन्हिकरण कर उनको ई-निविदा के माध्यम से आवंटित किये जाने से राज्य के उद्योगपतियों को आय के साधन बढ़ाये हैं।
4 अवैध खनन / अवैध परिवहन की प्रभावी रोकथाम एवं राजस्व वृद्धि हेतु आधुनिक Mining digital Transformation and Surveillance System (MDTSS) विकसित किये।
5 राज्य सरकार के द्वारा कुल 45 माईन चैक गेट्स स्थापित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।जिससे और राजस्व एकत्रित हों सकेगा।
6 जनपदो यथा देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंहनगर व नैनीताल में निविदा के माध्यम से आवंटित कम्पनी के द्वारा पट्टाधनराशि / अपरिहार्य भाटक आदि की वसूली को दिया जाना।
7 प्रदेशवासियों और सरकार की निर्माण एजेंसी के को उपखनिज, रेता, बजरी जो 140 प्रति कुंटल था वह दाम वर्तमान मे रू0 70/- प्रति कुन्टल की दर से बेचा जा रहा है।
*ऐसे था रिकॉर्ड अब बना कीर्तिमान *
गौरतलब हैं कि वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार के द्वारा भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय द्वारा 472.25 करोड राजस्व अर्जित किया था। वहीं व वर्ष 2023-24 में यह रिकॉर्ड 645.42 करोड राजस्व के रूप में अर्जित किया गया, जो गत वर्ष की तुलना में कुल रू0 173.17 करोड अर्थात लगभग 40 प्रतिशत अधिक है।
उपखनिज ग्रिट, डस्ट, सैण्ड, रेता, बजरी इत्यादि वर्तमान मे रू0 70/- प्रति कुन्टल की दर से बेचा जा रहा है जो कि पूर्व वर्ष मे रू0 140/- प्रति कुन्टल की दर से बेचा जा रहा था
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