Vpdo Bharti Scam- UKSSSC के जिम्मेदार लोगों ने ही ऐसे रचा भर्ती घोटाले का खेल, एक अभ्यर्थी से लिए इतने लाख

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VPDO Bharti Scam - 2016 में हुई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की भर्ती परीक्षा में आरोपितों ने 100 से अधिक अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था। एसटीएफ से जुड़े सूत्रों की मानें तो इसके लिए हर अभ्यर्थी से सात  से आठ लाख रुपये लिए गए।
इस तरह यूकेएसएसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत, सचिव मनोहर सिंह कन्याल और परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली। परीक्षा में किए गए घपले का भेद खुलने पर हंगामा शुरू हुआ तो आरबीएस रावत ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की भर्ती परीक्षा में जिस गिरोह ने घपले को अंजाम दिया, उसमें कुल सात लोग शामिल थे। आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव व परीक्षा नियंत्रक इस गिरोह के सरगना थे, जबकि प्रिंटिंग प्रेस के सीईओ राजेश पाल व तीन अन्य सहयोगी की भूमिका में थे। इनमें से दो आरोपितों को एसटीएफ ने जांच में गवाह बना दिया है।
सात से आठ लाख में हुआ एक अभ्यर्थी से सौदा, पैसे कन्याल ने लिए -
इस परीक्षा में एक अभ्यर्थी से सात से आठ लाख रुपये का सौदा हुआ था। नकल सिंडीकेट के कहने पर सभी कन्याल से मिले थे। इनमें से कई ने पैसे कन्याल को उनके घर पर दिए जबकि कुछ ने कार में दिए। आरएमएस कंपनी का मालिक राजेश चौहान भी आयोग के इस दफ्तर में कई बार आता-जाता रहता था। कन्याल के खिलाफ कई अभ्यर्थियों ने कोर्ट में भी बयान दर्ज कराए हैं।
एक ही गांव के 20 से ज्यादा अभ्यर्थियों को किया गया था पास- 
ऊधमसिंह नगर इस परीक्षा में धांधली के गढ़ के रूप में सामने आया है। जिले के एक गांव के 20 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने इस सिंडीकेट को पैसे दिए थे। इन सबको पास कराया गया। इनमें से कई टॉपर भी बने। लेकिन, जब परिणाम रद्द कर परीक्षा दोबारा कराई गई तो इनकी पोल खुल गई। पहले टॉपर बने अभ्यर्थी सबसे नीचे आ गए थे। इन सब अभ्यर्थियों के बयान एसटीएफ दर्ज कर चुकी है।
परीक्षा में किस प्रकार धांधली की जा सकती है, राजेश पाल ने इसकी पटकथा तैयार कर दी। रावत के कहने पर आयोग के नाम से पित्थूवाला स्थित एमएस कन्याल की पत्नी के नाम का घर किराये पर लिया गया। यहां दो कमरों को ऑफिस बनाया गया। आरोपियों ने पहले से ही लगभग 50 अभ्यर्थियों के रोल नंबर लिए थे। इस ऑफिस में रिजल्ट तैयार करने का काम शुरू हुआ। इनसे पहले ही कह दिया गया था कि अपनी-अपनी ओएमआर शीटों में गोले खाली रखने हैं। 
ओएमआर शीटों की स्कैनिंग से पहले इस ऑफिस में गोले काले किए गए। इस दौरान वहां आरबीएस रावत, एमएस कन्याल, आरएमएस कंपनी का सीईओ राजेश पाल, कर्मचारी विपिन बिहारी, परीक्षा नियंत्रक राजेश पोखरिया मौजूद थे। इनमें से अध्यक्ष, सचिव और परीक्षा नियंत्रक को शनिवार को जेल भेजा गया है। जबकि, सीईओ राजेश पाल और विपिन बिहारी पहले ही जेल जा चुके हैं। दो को एसटीएफ ने सरकारी गवाह बनाया है।