Uttarakhand News-  वन विभाग के अफसरों पर शिकंजा कसने की तैयारी, अब इस पूर्व आईएफएस का नाम आया सामने 
 

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Kalagarh Tiger Reserve Case- कालागढ़ टाइगर रिजर्व में बिना वित्तीय स्वीकृति के सरकारी धन खर्च करने और भ्रष्टाचार के आरोप में वन विभाग के अधिकारी अब बुरी तरह घिर चुके हैं। शासन ने इसे गंभीर भ्रष्टाचार और आपराधिक मामला मानते हुए जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। अब इन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है।  लैंसडौन वन प्रभाग (lansdowne van parbhag) के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व (Kalagarh Tiger Reserve) में अनियमितताओं की विजिलेंस ने जांच पूरी कर ली है। विजिलेंस ने दो वर्तमान आईएफएस व एक पूर्व आईएफएस समेत एक अन्य अधिकारी के खिलाफ हुई जांच की रिपोर्ट शासन को भेज दी है। जांच में भ्रष्टाचार, अवैध निर्माण और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोपों की पुष्टि हुई है। शासन की अनुमति के बाद इन चारों अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है। 


कालागढ़ टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में करीब 105 हेक्टेयर में टाइगर सफारी बनाई जानी थी। इसमें पिछले साल लगभग सारा काम हो गया। लेकिन, बाद में यहां अवैध निर्माण के साथ ही बिना वित्तीय स्वीकृति के सरकारी धन खर्च करने और भ्रष्टाचार के आरोप लगे। शासन ने इसे गंभीर भ्रष्टाचार और आपराधिक मामला मानते हुए जांच विजिलेंस को सौंप दी थी। विजिलेंस ने जांच के बाद मंगलवार को रिपोर्ट शासन को भेज दी है। जिन चार अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उनमें एक सेवानिवृत्त हो चुके हैं और एक अधिकारी सेवानिवृत्त होने वाले हैं। विजिलेंस ने इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की है। बताया जा रहा है कि शासन का इस मामले में पहले से ही सख्त रुख रहा है। लिहाजा इन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है। 

पूर्व आईएफएस पर आय से अधिक संपत्ति का भी है आरोप.
इस मामले में पूर्व आईएफएस किशनचंद का नाम भी शामिल है। वह पिछले दिनों सेवानिवृत्त हो चुके हैं। गत अप्रैल में उनके खिलाफ विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति रखने की जांच भी पूरी कर ली थी। इस मामले में चार्जशीट भी तैयार कर ली गई थी। विजिलेंस को उत्तराखंड शासन ने तो किशनचंद के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी, लेकिन उस वक्त वह आईएफएस थे। ऐसे में शासन की ओर से यह फाइल केंद्र सरकार को भेजी गई थी। किशनचंद पर आरोप है कि उन्होंने आय से करीब 375 फीसदी अधिक संपत्ति अर्जित की है। इसमें बहुत सी संपत्तियों के दस्तावेज विजिलेंस ने इकट्ठा भी कर लिए हैं।


विजिलेंस टीम ने जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट शासन को भेज दी है। अधिकारियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। यह साक्ष्य मुकदमा दर्ज करने के लिए काफी हैं। शासन यदि अनुमति देता है तो अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। 
-अमित सिन्हा, निदेशक विजिलेंस