UKSSSC Paper Leak - पहले हाकम, फिर मनराल, जगदीश और अब हल्द्वानी के दिनेश जोशी तक ऐसे जुड़े VPDO पेपर लीक के तार, पढ़िए पूरी खबर 
 

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UKSSSC Paper Leak -  VPDO भर्ती घोटालों में देहरादून से उत्तरकाशी और लखनऊ से धामपुर तक पंहुचा पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तारियों का  सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। STF दिन प्रतिदिन नक़ल माफियाओं की चैन को निस्तनाबूत करते चली जा रही है। STF करीब 23 आरोपियों को अभी तक गिरफ़्तार कर चुकी है। दरसअल उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा 04 और 05 दिसम्बर 2022 को करवाई परीक्षा के उत्तरों का एक टॉयलेट पेपर का स्कीन शॉट वायरल हुआ। जिस पर 63 सवालों के जवाब लिखे थे जब स्क्रीन शॉट आयोग तक पंहुचा तो हड़कंप मच गया। आयोग ने जब मिलान किया तो सभी जवाब मैच हो रहे थे।  

बेरोजगार संघ ने इस भर्ती परीक्षा मैं धांधली का मुदा जोर शोर से उठाया, बात मुख्यमंत्री धामी तक पहुंची जिसके बाद STF को मामले की जाँच सौंप दी गई। 
22 जुलाई को रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया, 24 जुलाई को STF ने 06 आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का भंडाफोड़ किया, जाँच आगे चली और पेपर लीक मामले की परतें खुलती गई। 

STF मामले की तह तक पहुंची पता चला 29 नवम्बर को परीक्षा से ठीक 05 दिन पहले लखनऊ की एक प्रिंटिंग प्रेस जहाँ से पेपर छपे थे उस प्रेस के कर्मचारी अभिषेक वर्मा ने तीनों पालियों के एक-एक सेट को टेलीग्राम से प्रिंटिंग प्रेस के प्रोग्रामर जयजीत दास को भेज दिया। वर्मा को जिम्मेदारी पेपर छपने के बाद सील करने की थी। 

जयजीत दास ने यह पेपर UKSSSC के पूर्व संविदा कर्मचारी और PRD कर्मचारी दीपक चौहान और मनोज जोशी के हवाले कर दिए इसके एवज में जयजीत दास को 60 लाख रुपए मिले, PRD कर्मचारी मनोज जोशी ने लीक पेपर दूसरे मनोज जोशी को भेज दिया जो कनिष्ट सहायक के पद था इसके अलावा गौरव नेगी और मनोज के साले हिमांशु कांडपाल को भी पेपर उपलब्ध करवाया गया लिहाजा प्रशनपत्र पत्र बाहर आया तो उसको एक दूसरे तक पहुंचने वाले और लेने वालों की चैन बनती ही चली गई।  

अब तक इस केस में सचिवालय और पुलिस के और कोर्ट के कर्मचारी ही पकड़ में आये थे। लेकिन अब बारी थी, शिक्षकों, खनन कारोबारियों और नेताओं की उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत की गिरफ़्तारी को STF की बड़ी कामयाबी बताई जा रही है हाकम सिंह ने पूरी पलानिंग के साथ लीक पेपर को हासिल किया और सैकड़ों अभियर्थियों तक पहुंचाया बताया जा रहा है हाकम सिंह ने एक अब्यर्थी से 15 लाख तक वसूले हैं। हाकम ने UP के धामपुर में एक सेंटर बनाया और छात्रों को उस सेंटर में लीक पेपर को हल करवाया पेपर हल करवाने के बाद परीक्षा सेंटरों तक छोड़ दिया गया। 

हाकम तक पहुंचने के लिए  STF ने उत्तरकाशी के ही हाकम के करीबी शिक्षक तनुज शर्मा से कड़ी जोड़ी ये शिक्षक हाकम का करीबी रहा है तनुज शर्मा ने पूछताछ में बताया उसने की हाकम की मदद से यह पेपर हासिल किया और 20 लोगों को अपने ही घर में हल करवाया STF की कार्यवाही जारी रही और अब यह पेपर लीक की आंच कुमाऊ तक पहुंच चुकी है तनुज की तरह ही बागेश्वर में तैनात शिक्षक जगदीश गोस्वामी को भी गिरफ्तार किया गया  गोस्वामी पर भी आरोप है की उसने भी अपने इलाके के लोगों को हाकम के नक़ल सेंटर धामपुर ले जाकर यह पेपर हल करवाया और वापस परीक्षा केंद्रों तक लाया पेपर लीक की कड़ी कुमाऊं से जुड़ने लगी तो एक के बाद एक गिरफ्तारियां होते चली गई। अब रामनगर से एक बड़ी मछली गिरफ्त में आ गई रामनगर के स्टोन क्रेसर के संचालक चन्दन मनराल पहले ही हाकम के संपर्क में था वह छात्रों को अपने टेम्पो ट्रेवल में हाकम के नक़ल सेंटर धामपुर तक ले गया था इस तरह हाकम का यह सेंटर पूरे नक़ल का हॉटस्पॉट बन गया। 

गुरुवार को STF को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी, पंतनगर यूनिवर्सिटी के रिटायर्ड एईओ दिनेश चंद्र जोशी को STF ने हल्द्वानी से गिरफ्तार कर लिया जोशी पर पेपर पास करवाने के एवज में 80 लाख रूपये लेने का आरोप है दिनेश जोशी ने अपने कार्यकाल में 85 परीक्षाएं करवाई हैं. विवि में स्थापित परीक्षा सेल में भी करीब दस साल डेप्यूटेशन पर तैनात थे। उनकी परीक्षा एवं प्रिटिंग प्रेस व आरआइएमए लखनऊ के कर्मचारियों से अच्छी पकड़ थी। जाेशी की गिरफ्तारी के बाद से विवि में परीक्षा सेल से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मचा है। तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। जांच की आंच में विवि के कुछ लोगों की गर्दन फंस सकती है। माना जा रहा है कि जोशी की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य लोग भी एसटीएफ के हत्थे चढ़ सकते हैं। पूरे मामले में STF की कार्यवाही जारी है. लेकिन सबका सवाल यह है की आख़िर इन नक़ल माफियाओं को किन नेताओं की सह मिली है। क्या STF इस खेल के मास्टर माइंड तक पहुंच पायेगी यह एक बड़ा सवाल हैं.