हल्द्वानी - उत्थान मंच विवाद पर बोले वीरेंद्र गुप्ता, सत्ता और रसूख के दम पर किया जा रहा है पहाड़ विरोधी काम

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हल्द्वानी - पर्वतीय संस्कृति उत्थान मंच के कार्यकारिणी सदस्य और पूर्व सांसद प्रतिनिधि वीरेंद्र गुप्ता ने प्रेस के माध्यम से कहा कि पूरे देश भर में उत्तराखंड की पर्वतीय संस्कृति का कोई मुकाबला नहीं है। पर्वतीय संस्कृति हमेशा से ही सभी वर्गो को एकजुट करती है और सभी के रीति रिवाज का आदर सम्मान करती है। उन्होंने क्या हमेशा से ही कुछ पर्वतीय विरोधी मानसिकता के शिकार चंद लोगो द्वारा परदे के पीछे रहकर अपने निजी फायदे के लिए पर्वतीय संस्कृति के विरुद्ध दुष्प्रचार किया जाता रहा है और राजनीतिक रसूख के द्वारा शासन - प्रशासन को गुमराह करके उनसे पर्वतीय विरोधी कार्यों को अंजाम दिया जाता रहा है। उन्होंने आरोप लगाया ऐसे लोगों का समाज संस्कृति से कोई लेना देना नही होता है।
वीरेंद्र गुप्ता ने कहा कि आज हल्द्वानी में सफेदपोश इस कदर सक्रिय हो गए हैं कि उनकी नजर धार्मिक , शैक्षिक , खेलकूद और सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी जमीनों पर गड़ी है। वे लोग अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए ट्रस्ट और समितियों की आड़ में जमीनों को कब्जाकर व्यवसायिक गतिविधिया चलाते हैं। राज्य सरकार और माननीय उच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन को निर्देशित करे कि पर्वतीय संस्कृति के विरुद्ध किसी को कोई गलत कार्य नहीं करने दे जिससे पर्वतीय समाज की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा सके।
क्या है पूरा विवाद -
हल्द्वानी के पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच में हीरानगर स्थानीय हाउसिंग सोसायटी के सदस्यों ने जगह पर अपना हक बताते हुए गोल्ज्यू मंदिर के पास शिव मंदिर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। वहीं उत्थान मंच से जुड़े पदाधिकारियों ने निर्माण को अवैध बताते हुए उसे धवस्त करने के लिए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। मंच के लोगों का आरोप है पर्वतीय संस्कृति ख़त्म करने की साजिश हो रही है 
आपको बता दें हीरा नगर के मैदान में पिछले कई दशकों से उत्थान मंच अपनी सांस्कृतिक गतिविधियां करता आ रहा है। मंच का दावा है 2006 में प्रदेश के तत्कालीन प्रमुख सचिव एनएस नपच्याल ने पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच हल्द्वानी को धर्मशाला और सांस्कृतिक केंद्र के लिए भूमि देने का आदेश दिया था। यह भूमि 90 वर्षों के लिए लीज पर दी गई थी।
वहीं स्थानीय हाउसिंग सोसायटी का कहना है कॉलोनी निर्माण के समय इसे पार्क के रूप में रखा गया है। इसलिए सोसायटी का इस पर मालिकाना हक है। 
पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की भूमि के स्वामित्व को लेकर मामला शासन तक पहुंच गया है। डीएम ने मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी है और रिपोर्ट आने तक एसडीएम हल्द्वानी को यहां का रिसीवर नियुक्त कर दिया है। डीएम ने आदेश दिया कि जब तक इस मामले की जांच नहीं हो जाती तब तक पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के रिसीवर एसडीएम मनीष सिंह होंगे।