देहरादून - खनन राजस्व वृद्धि के लिए मिशन एक हज़ार करोड़, देखिये धामी सरकार ने कैसे रावत सरकार को छोड़ा इतने पीछे 

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उत्तराखंड सरकार, वन विभाग और खनन से कमाई बढ़ाने के लिए खनन विभाग के अधिकारीयों ने पिछले साल से डबल राजस्व का फुल प्रूफ प्लान तैयार कर लिया हैं। राजस्व वृद्धि का यह आकड़ा एक हज़ार करोड़ रूपये तक जा सकता हैं। खनन सचिव पंकज पांडेय,   खनन निदेशक पैट्रिक अपर निदेशक खनन राजपाल लेघा ने इसमें जोर आजमाइश शुरू कर दी हैं। पुष्कर धामी प्रदेश के राजस्व घाटे को कम करने के लिए प्रदेश के सभी विभागों को अपने राजस्व वृद्धि के लिए  संसाधनों को जुटाने के निर्देश जारी किये थे इसी क्रम में पहले बाज़ी मारने वालों में खनन विभाग शामिल हुआ हैं।

खनन राजस्व का आकड़ा

2016 में हरीश रावत की सरकार में करीब तीन सौ करोड़ रूपये का खनन राजस्व था लेकिन धामी सरकार ने अब 6 माह लगातार खनन को व्यवस्थित करने के लिए इस राजस्व को बढाकर 575 करोड रूपये कर दिया हैं। इससे पता चलता हैं कि हरीश रावत का पुष्कर धामी को खनन प्रेमी कहना केवल फिजूल की बात थी। जबकि यह सब पुष्कर धामी ने अपनी सरकार के राजस्व की वृद्धि का फार्मूला निकाला था।यह सभी कुछ सरकार की नीति में बदलाव करने से आया हैं। अपर निदेशक  भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग, राजपाल लेघा खनन कहते हैं राज्यवासियो को रेता बज़री के दामों को कम करने के लिए योजना बना रही हैं जिससे खनन मेटेरियल को कम करने के साथ राजस्व की वृद्धि का यह आकड़ा एक हज़ार करोड़ रूपये तक जा सकें हैं।

इन मुद्दे से बड़ा खनन का राजस्व 

 राजस्व बृद्धि के लिए सरकार ने समाधान योजना शुरू की जिससे खनिज से जुड़े हुए पुराने सभी  ज़ुर्मानो को वसूल किया हैं। रिवर ट्रैंनिंग के माध्यम से एक तरफ स्थानीय लोगों को बाढ़ जैसे खतरों से बचाया तो दूसरी तरफ उसकी खनिज निकासी से राजस्व की बृद्धि की हैं। किसानों के खेतों में समतालिकरण योजना के जरिये किसानों के बंजर और ऊबड़ खाबड़ खेत से आरबीएम निकाला जिसमें रॉयल्टी वसूली हैं। इससे किसानों के खेत उपजाऊ हुए तो दूसरी ओर वहां से भी करोड़ों का राजस्व इक्क्ठा किया हैं। मुख्य खनिज की भी पहचान हुई हैं जिसकी नीलामी केंद्रीय स्तर पर किये जाने से करोड़ों का राजस्व मिल रहा हैं। सोप स्टोन के लिए भी कई नई माइन को खोला जा रहा हैं जिससे करोड़ों के राजस्व की वसूली हो चुकी हैं।

जानकारी मिली हैं कि खनन विभाग की प्रदेश में रॉयल्टी एक समान होगी जिसमें वन विभाग की दाबका, जमरानी, कोसी उकरौली नदियों में चुगान और राजस्व विभाग की ज़मीनो  में खनन पट्टे दिए जायेंगे जिससे रोजगार के अवसर खुल सकेंगे।