Chhawla Gang Rape Case - केंद्रीय कानून मंत्री से सीएम धामी ने की बात, बोले बेटी को न्याय दिलाने को सब कुछ करेंगे

Chhawla Gang Rape Case - दिल्ली में उत्तराखंड निवासी युवती के हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय कानून मंत्री से की बात की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि देश की बेटी को न्याय दिलाने के लिए वह सब कुछ करेंगे।

न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे -
एएनआइ न्यूज एजेंसी के मुताबिक मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला किया है, उस पर उन्होंने पीडि़ता की एडवोकेट चारू खन्ना से बात की है। उन्होंने केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू से भी इस मामले में बात की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि पीड़िता हमारे देश की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे।
दरअसल घटना 14 फरवरी 2012 को दिल्ली के छावला इलाके में हुई थी। उत्तराखंड की 'निर्भया' अपने काम पर जाने के लिए घर से निकली थी। उस दिन वो देर शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजन चिंतित हुए। घबराए परिजनों ने उसकी काफी तलाश की। लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। बहुत खोजने के बाद इतनी सूचना जरूर मिली कि कुछ लोग एक लड़की को गाड़ी में डालकर दिल्ली से बाहर ले जाते हुए दिखाई दिए हैं। बाद मेंअभियुक्तों ने उसके साथ रेप के बाद आंखों में तेजाब तक डाल दिया था। उसका शव रेवाड़ी में मिला था।
पुलिस ने आरोपियों के 16 फरवरी को डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिए, लेकिन 11 दिनों तक सैंपल पुलिस थाने के मालखाने में पड़े रहे। यानी 27 फरवरी को वो सैंपल सीएफएसएल भेजे गए। पुलिस की इसी लापरवाही का कोर्ट में दोषियों को फायदा मिला।
एक तरफ सुप्रीम कोर्ट ने छावला रेप केस के आरोपियों को बरी किया, दूसरी ओर पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपनी हार बता दिया। उन्होंने कहा, 'मैं हार गई। इस फैसले के इंतजार में हम जिंदा थे, लेकिन अब हार गए। हमें उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से उनकी बेटी को इंसाफ मिलेगा, लेकिन इस फैसले के बाद अब जीने का कोई मकसद नहीं बचा। ये बातें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहीं। उन्होंने कहा कि अब दोबारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।
उधर, पीड़िता की वकील चारू वली का कहना है कि इस फैसले के खिलाफ वो फिर अदालत का रुख अख्तियार करेंगी। गौरतलब है कि अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए 10 साल तक कई अदालतों के चक्कर काटे। निचली अदालत और हाईकोर्ट ने गैंगरेप और हत्या से जुड़े इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर' मानते हुए तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल पुराने इस मामले में फैसले को पलट दिया और आरोपियों को बरी कर दिया।
राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करे -
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी युवती के हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड की बेटी को न्याय मिले इसके लिए राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करनी चाहिए
हत्याकांड मामले में लचर पैरवी का कांग्रेस का आरोप -
वहीं मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद कांग्रेस ने मामले में लचर पैरवी का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में कहा कि यह हत्याकांड निर्भया हत्याकांड की भांति वीभत्स था। मेडिकल रिपोर्ट, साक्ष्य को लेकर सरकार से कहां चूक हुई कि जिन्हें फांसी पर लटकना चाहिए था, वे बरी हो गए। यह सब कुछ अत्यधिक अविश्वसनीय लगता है।