उत्तराखंड- अब ऐसे होगा घर की छत में भी मछली पालन, प्रधानमंत्री की इस योजना से मिलेगा लाभ

अब घरों की छत और अन्य छोटी जगहों में भी मछली पालन का कार्य किया जायेगा। दरअसल प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत अब मछली पालकों को मत्स्य उद्योग में सब्सिडी से बेहद लाभ दिया जायेगा। यह सब्सिडी सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत, एससी-एसटी और महिलाओं को 60 प्रतिशत तक दी जाएगी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा
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उत्तराखंड- अब ऐसे होगा घर की छत में भी मछली पालन, प्रधानमंत्री की इस योजना से मिलेगा लाभ

अब घरों की छत और अन्य छोटी जगहों में भी मछली पालन का कार्य किया जायेगा। दरअसल प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत अब मछली पालकों को मत्स्य उद्योग में सब्सिडी से बेहद लाभ दिया जायेगा। यह सब्सिडी सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत, एससी-एसटी और महिलाओं को 60 प्रतिशत तक दी जाएगी। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत अब मछली पालन में बायोफ्लोक तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। जिसके तहत बिना तालाब निर्माण किए छत और छोटी सी जगह में भी मछली पालन हो सकेगा। इस तकनीक का इस्तेमाल करके लोग कम लागत में अधिक मुनाफा कमाएंगे।

मत्स्य निरीक्षक रविंद्र कुमार ने बताया कि जिले में बायोफ्लोक तकनीक से किसानों को मत्स्य पालन का प्रशिक्षण देने के लिए गदरपुर के बौर फिश फार्म में ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाएगा। उन्होने कहा कि मछली पालन में बायोफ्लोक तकनीक से पालिमर शीट के सर्कुलर टैंक स्थापित किए जाएंगे। टैंक मात्र 132 स्क्वायर मीटर जगह घेरेंगे।इसमें 15 हजार लीटर तक पानी भरा जा सकता है। एक टैंक से तीन टन तक मछलियों का उत्पादन किया जा सकेगा।

तकनीक के द्वारा पानी की भी बचत होगी। आपको बता दें कि मछली पालन के लिए एक हेक्टेयर की भूमि में तालाब होना जरूरी होता है। जिसमें कई लोगों के पास भूमि न होने के कारण वे मछली पालन नहीं कर पाते हैं। लेकिन अब ऐसा नही होगा, अब बायोफ्लोक तकनीक का इस्तेमाल करके छोटी सी जगहों में भी लोग रोहू, कत्ला, नैन, सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प मछलियों का पालन किया जा सकेगा। यह योजना मछली पालकों के लिये बेहद फायदेमंद है।

 

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