उत्तराखंड- अक्टूबर तक खुली रहेगी फूलों की घाटी, इन प्रतिबंधों के हटने से जगी पर्यटकों में आने की उम्मीद

राज्य सरकार की ओर से अनलाॅक-4 के नियमों में छूट दिये जाने के कारण उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी के सौन्दर्य को निहारने के लिये यहां पर सितम्बर से करीब 530 पर्यटक पहुंच चुके हैं। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि विदेशी प्रर्यटकों के फूलों की घाटी स्विट्जरलैंड से कम
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उत्तराखंड- अक्टूबर तक खुली रहेगी फूलों की घाटी, इन प्रतिबंधों के हटने से जगी पर्यटकों में आने की उम्मीद

राज्य सरकार की ओर से अनलाॅक-4 के नियमों में छूट दिये जाने के कारण उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी के सौन्दर्य को निहारने के लिये यहां पर सितम्बर से करीब 530 पर्यटक पहुंच चुके हैं। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि विदेशी प्रर्यटकों के फूलों की घाटी स्विट्जरलैंड से कम नही है। लाॅकडाउन के चलते एक अगस्त से फूलों की घाटी को खोला गया था।

जिस कारण यहा अभी तक 530 पर्यटक आ चुके है। उन्होने बताया कि पर्यटकों के लिए कोविड जांच की निगेटिव रिपोर्ट, होटल व होम स्टे में दो दिन ठहरने की बुकिंग का प्रतिबंध अब हटा दिया गया है। जिस कारण अब पर्यटक आवास सुविधाओं के लिए फूलों की घाटी के बेस कैंप घाघरिया स्थित कई होटल, गेस्टहाउस, होम स्टे और कैंप की बुकिंग करा सकते हैं। जानकारी के अनुसार अब अक्टूबर तक फूलों की घाटी खुली रहेगी।

घाटी में खिलते है, 300 प्रजाति के फूल

आपकों बता दें कि फूलों की घाटी में अनेक प्रकार की प्रजातियों के फूलों खिलते है, यहां फूलों की 300 से भी अधिक प्रजाति हैं। सबसे पहले घाटी में एनीमोन और प्रिमुला प्रजाति के पुष्प खिलते हैं। उसके बाद जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, पोटेंटिला, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इंडुला, सौसुरिया, कंपानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इंपेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया  प्रजाति के फूल खिलते है। यहां पर अब पर्वत श्रृंखलाओं की तलहटी में ब्रह्मकमल भी खिले रहे हैं।

 

 

 

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