उत्तराखंड- ग्रामीणों की एकता गांव की बनी मिशाल, इन हालातों में भी उत्तराखंड का ये गांव है कोरोना मुक्त

प्रदेश भर में कोरोना वायरस काफी तेज गति से फैल रहा है। जिस कारण देश भर में अनलाॅक-4 चल रहा है। लेकिन देश के अंतिम गांव माणा में आज भी लाॅकडाउन है। जिस कारण यहां आज कोई भी व्यक्ति अभी तक कोरोना पाॅजिटिव नही है। माणा गांव वाले कोरोना वायरस को देखते हुए गांव से
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उत्तराखंड- ग्रामीणों की एकता गांव की बनी मिशाल, इन हालातों में भी उत्तराखंड का ये गांव है कोरोना मुक्त

प्रदेश भर में कोरोना वायरस काफी तेज गति से फैल रहा है। जिस कारण देश भर में अनलाॅक-4 चल रहा है। लेकिन देश के अंतिम गांव माणा में आज भी लाॅकडाउन है। जिस कारण यहां आज कोई भी व्यक्ति अभी तक कोरोना पाॅजिटिव नही है। माणा गांव वाले कोरोना वायरस को देखते हुए गांव से बहार निकलने में खास परहेज कर रहे है। और यही कारण है की यहा अभी तक किसी को भी कोरोना वायरस नही हुआ है। आपको बता दें कि यह गांव बदरीनाथ धाम से तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां अधिकतर भोटिया जनजाति के ग्रामीण रहते हैं। जब पहला अनलॉक हुआ तो माणा गांव के ग्रामीणों ने गांव में लॉकडाउन ही रखने का निर्णय लिया।

गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति को घुसने नहीं दिया जा रहा है। यहां मई माह से बाहरी लोगों की आवाजाही बंद है। यही वजह है कि देश में कोरोना के मरीज बढ़ते जा रहे हैं जबकि गांव में रह रहे 150 परिवारों में से किसी को भी कोरोना की शिकायत नहीं हुई है। और गांव पूरी तरह से सुरक्षित है। गांव के प्रधान पीतांबर मोल्फा ने बताया कि माणा गांव में किसी भी बाहरी व्यक्ति को घुसने नहीं दिया जा रहा है, उन्होने बताया कि गांव में सब्जियों का उप्तादन किया जाता है।

यहां राजमा, आलू, बंद गोभी और हरी सब्जी का उत्पादन होता है, जिसके लिए गांव वालों को बहार जाने की आवश्यकता नही होती। लेकिन कोरोना काल में यहां के ग्रामीणों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा के दौरान तीर्थयात्री और पर्यटक सब्जी व दाल की खरीदारी करते थेए लेकिन इस बार यात्रा सीमित होने से सब्जी खेतों और घरों में सड़ रही है। जिस कारण ग्रामीणों को नुकसान हो रहा है।