उत्तराखंड- शीतकाल के लिए बंद हुए प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट, तीर्थ पुरोहितों ने की विशेष पूजा

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंदी से पहले गंगोत्री मंदिर और गंगा घाट पर पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन पड़ाव मुखीमठ (मुखवा) के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर मां गंगा के दर्शन करने के लिए
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उत्तराखंड- शीतकाल के लिए बंद हुए प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट, तीर्थ पुरोहितों ने की विशेष पूजा

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंदी से पहले गंगोत्री मंदिर और गंगा घाट पर पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद मां गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन पड़ाव मुखीमठ (मुखवा) के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर मां गंगा के दर्शन करने के लिए जिले की प्रमुख देव डोलियां भी गंगोत्री धाम पहुंची। हर्षिल घाटी के ग्रामीण भी कपाट बंद होने की अवसर पर गंगोत्री पहुंचे।

विशेष पूजा और गंगा लहरी का किया पाठ

बता दें कि चारधाम यात्रा अपने आखिरी पड़ाव की ओर है। आज रविवार को गंगोत्री धाम के कपाट 12 बजकर 15 मिनट पर विधि-विधान के साथ बंद किए गए। अन्नकूट पर्व के शुभ मुहूर्त पर गंगोत्री धाम में सुबह साढ़े बजे उदय बेला पर मां गंगा के मुकुट को उतारा गया। इस बीच श्रद्धालुओं ने मां गंगा की भोग मूर्ति के दर्शन किए, जिसके बाद अमृत बेला, अभिजीत मुहूर्त पर कपाट बंद किए गए।

इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने विशेष पूजा और गंगा लहरी का पाठ किया गया। डोली में सवार होकर गंगा की भोगमूर्ति जैसे ही मंदिर परिसर से बाहर निकली तो पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। आपको बता दें कि अब मां गंगा की उत्सव डोली सोमवार को मुखवा पहुंचेगी। गंगोत्री के कपाट बंद होने के बाद अब देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखवा में कर सकेंगे।