उत्तराखंड- रुड़की IIT में जल्द बनने जा रहा स्पेशल “आइहब”, जाने क्यों है खास

आइआइटी रुड़की को नेशनल मिशन ऑफ इंटर डिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम के तहत जल्द एक टेक्नोलॉजी हब मिलने जा रहा है। जोकि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से स्थापित किए जा रहे 25 केंद्रों में से एक होगा। आइहब नाम का यह केंद्र 356 मूलभूत प्रौद्योगिकियों के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन का काम करेगा। जोकि सात
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उत्तराखंड- रुड़की IIT में जल्द बनने जा रहा स्पेशल “आइहब”, जाने क्यों है खास

आइआइटी रुड़की को नेशनल मिशन ऑफ इंटर डिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम के तहत जल्द एक टेक्नोलॉजी हब मिलने जा रहा है। जोकि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से स्थापित किए जा रहे 25 केंद्रों में से एक होगा। आइहब नाम का यह केंद्र 356 मूलभूत प्रौद्योगिकियों के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन का काम करेगा। जोकि

सात एप्लिकेशन जैसे.. डोमेन-हेल्थ रिसर्च, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स, न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी, टेलीकम्युनिकेशन और एटॉमिक एनर्जी में ‘डिवाइस टेक्नोलॉजी एंड मटीरियल’ प्रोजेक्ट्स पर फोकस करेगा। इसकी शुरूआत के लिए स्वीकृत 135 करोड़ के अनुदान में से 7.25 करोड़ की धनराशि प्राप्त हो चुकी है।

उत्तराखंड- रुड़की IIT में जल्द बनने जा रहा स्पेशल “आइहब”, जाने क्यों है खास

सिस्टम्स और तकनीकों के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म

आइहब आइआइटी रुड़की के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रोफेसर सुदेब दासगुप्ता ने बताया कि साइबर-फिजिकल सिस्टम उन्नत तकनीकों का समावेशन है। यह नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाले पारिस्थितिकी तंत्र का भी निर्माण करेगा। बताया कि हब की परिकल्पना साइबर-फिजिकल सिस्टम्स और तकनीकों के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म के रूप में की गई है।

इस कदम से ज्ञान साझा एवं सहयोग करने, कार्यबल के कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने में मदद मिलेगी। उनकी माने तो इस हब के तहत आइआइटी रुड़की विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक और औद्योगिक भागीदारों के साथ सीपीएस से संबंधित कई उत्पादों को विकसित करने का काम करेगा।