उत्तराखंड- अब हिमालय के जरिये युवाओं को ऐसे मिलेगा रोजगार , पर्वतारोहण और ट्रैकिंग को दिया जाएगा बढ़ावा

हिमालयी ट्रैकिंग और पर्वतारोहण रोमांच के शौकीन पर्यटकों के बीच तेजी से अपनी पहचान बना रहा है। उच्च हिमालयी ट्रैकिंग में पर्वतारोही लाखों की संख्या में पहुंचते है। जिससे हजारों लोगों को राजगार मिलता है। बात अगर एवरेस्ट हिमशिखर की करें तो वह अकेला नेपाल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है। ऐसे में
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उत्तराखंड- अब हिमालय के जरिये युवाओं को ऐसे मिलेगा रोजगार , पर्वतारोहण और ट्रैकिंग को दिया जाएगा बढ़ावा

हिमालयी ट्रैकिंग और पर्वतारोहण रोमांच के शौकीन पर्यटकों के बीच तेजी से अपनी पहचान बना रहा है। उच्च हिमालयी ट्रैकिंग में पर्वतारोही लाखों की संख्या में पहुंचते है। जिससे हजारों लोगों को राजगार मिलता है। बात अगर एवरेस्ट हिमशिखर की करें तो वह अकेला नेपाल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है। ऐसे में अगर गढ़वाल हिमालय क्षेत्र को एक्सप्लोर कर यहां व्यवस्थित ढंग से पर्वतारोहण एवं उच्च हिमालयी ट्रैकिंग को बढ़ावा दिया जाए तो यहां भी रोजगार का दरिया बह सकता है।

आपको बता दें कि उच्च हिमालयी ट्रैकों की मौजूदगी के कारण हिमालय रोमांच के शौकीन पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना है। यहा पर सतोपंथ, शिवलिंग, भागीरथी एवं गंगोत्री श्रृंखला आदि दर्जनों हिमशिखर तथा कालिंदी, लमखागा, उडनकोल, धूमधारकांठी, बडासू, बालीपास आदि आकर्षक चीजें है, जो दर्शको को आकर्षित करती है। पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि हिमालय  में पर्वतारोहण एवं ट्रैकिंग से बेहतर और कोई चीज नही है। उन्होने बताया कि हिमालय का लगभग 40 प्रतिशत भाग उत्तरकाशी जिले में अभी तक अनएक्सप्लोर्ड है। उत्तराखंड राज्य में 117 हिमशिखरों को इनर लाइन की बंदिश से आजाद कर दिया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि पर्वतारोहण एवं उच्च हिमालयी ट्रैकिंग को बढ़ावा मिलेगा।

और हजारों की संख्या में लोगें को रोजगार भी प्राप्त होगा। लेकिन अभी इसे बढ़ावा नही मिल पाया है। इस कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि रोमांच के शौकीन पर्यटक उत्तराखंड हिमालय आना चाहते हैं, लेकिन भारी भरकम शुल्क व अन्य कई दिक्कतों की वजह से पर्यटक अन्य जगहें चले जाते है। उन्होंने उत्तराखंड में पर्यटन, पर्वतारोहण और उच्च हिमालयी ट्रैकिंग आदि के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाकर अनुमति की प्रक्रिया को आसान बनाने पर जोर दिया।