उत्तराखंड- अब शहरों की तरह गांवों में भी वसूला जायेगा टैक्स, जानिये क्या है पूरा मामला

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत अब शहर की तरह गावों के मकानों में भी सरकार टैक्स लगाने की तैयार कर रही है। इसके लिये सरकार ने गांवों में सर्वे का काम शुरू करा दिया है। अब मकान का मालिकाना हक न होने पर सम्बधित व्यक्ति को भूमि मालिक होने का प्रमाणपत्र के रूप में स्वामित्व
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उत्तराखंड- अब शहरों की तरह गांवों में भी वसूला जायेगा टैक्स, जानिये क्या है पूरा मामला

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत अब शहर की तरह गावों के मकानों में भी सरकार टैक्स लगाने की तैयार कर रही है। इसके लिये सरकार ने गांवों में सर्वे का काम शुरू करा दिया है। अब मकान का मालिकाना हक न होने पर सम्बधित व्यक्ति को भूमि मालिक होने का प्रमाणपत्र के रूप में स्वामित्व रिकॉर्ड दिया जाएगा। सरकार ने जनपद हरिद्वार में सर्वे का काम बृहस्पतिवार से शुरू करा दिया है। अन्य जनपदों में भी जल्द ही यह कार्य सरकार द्वारा शुरू कर किया जायेगा।

प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के तहत हरिद्वर में मालिकाना हक 25 सितंबर 2018 से पूर्व बसे हुए लोगों को ही दिया जायेगा। जिन लोगों के पास मकान का मालिकाना हक होगा उनका रिकाॅर्ड दर्ज किया जायेगा। और जिनके पास मालिकाना हक नही है, उन्हें मालिकाना हक प्रदान कर उनका भी रिकाॅर्ड दर्ज किया जायेगा। योजना के तहत अब आबादी वाले क्षेत्रों में सर्वे का काम शुरू हो गया है। इसकी जिम्मेदारी सभी तहसीलों के एसडीएमए तहसीलदारए नायब तहसीलदार को सौंपी गई है, सर्वे कराने में लेखपालों की मदद ली जा रही है।

जानकारी के अनुसार सर्वे का कार्य पूरा होने के बाद मैपिंग करने का काम शुरू किया जायेगा। नोडल अधिकारी केके मिश्रा ने बताया कि पूरी प्रक्रिया के तहत ग्रामीणों को उनकी संपत्ति के कब्जे के रिकॉर्ड और स्वामित्व प्रमाणपत्र मिलेंगे। उन्होने बताया कि मैपिंग करने से पहले लेखपाल से सरकारी भूमि और विवादित प्रकरणों की जानकारी ली जाएगीए साथ ही ग्रामीणों की आपत्ति भी जाएगी। आपत्तियों के निस्तारण के बाद संबंधित व्यक्ति को मालिकाना हक दिया जाएगा। और आगे की कार्यवाही शुरू होगी। सरकार द्वारा इस योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों की आवासीय जमीन का मालिकाना हक तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना है। ताकी ग्रामीण इलाकों में लोगों को आवासीय जमीन की संपत्ति का अधिकार मिल सके।

जानिये यह है, स्वामित्व योजना

गांव के ज्यादातर लोगों के पास अपनी जमीन का कोई रिकॉर्ड नहीं है। मालिकाना हक साबित करने के लिए लोगों के पास कोई कागजात भी नहीं हैं। ऐसे में सरकार उन्हें मालिकाना हक देगी और रिकाॅर्ड दर्ज कर मालिकों से टैक्स की वसूली भी की जायेगी। जमीन की पैमाइश के लिए ड्रोन की मदद ली जाएगी, जमीन की पैमाइश के लिए गूगल मैपिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।

ग्रामीण इलाकों में आवासीय संपत्ति का रिकॉर्ड बन जाने के बाद संपत्ति के मालिकों से टैक्स की वसूली भी की जा सकेगी। स्वामित्व योजना से सभी ग्राम समाज के काम ऑनलाइन हो जाएंगे। ऑनलाइन होने की वजह से लोग अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा ऑनलाइन देख सकेंगे। ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर जमीन का ब्योरा मुहैया रहेगा। ई.पोर्टल लोगों को उनकी जमीन के मालिकाना हक का सर्टिफिकेट भी देगा।