उत्तराखंड- अब आइटीबीपी संभालेगा टिहरी झील में साहसिक गतिविधियों की जिम्मेदारी, सीएम त्रिवेन्द्र ने की ये घोषणा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब टिहरी झील में साहसिक गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी आइटीबीपी को सौंपे जाने की बात की है। इससे संबंधी समझौते पत्र पर सितंबर को साहसिक खेल अकादमी टिहरी के हस्ताक्षर भी हुए हैं। इस समझौते से आइटीबीपी के साहसिक खेलों के अनुभव का लाभ अब देश के साहसिक पर्यटनों
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उत्तराखंड- अब आइटीबीपी संभालेगा टिहरी झील में साहसिक गतिविधियों की जिम्मेदारी, सीएम त्रिवेन्द्र ने की ये घोषणा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अब टिहरी झील में साहसिक गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी आइटीबीपी को सौंपे जाने की बात की है। इससे संबंधी समझौते पत्र पर सितंबर को साहसिक खेल अकादमी टिहरी के हस्ताक्षर भी हुए हैं। इस समझौते से आइटीबीपी के साहसिक खेलों के अनुभव का लाभ अब देश के साहसिक पर्यटनों को मिल सकेगा। साथ ही इस झील में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और राज्य पुलिस बल के जवानों की व्यापक ट्रेनिंग हो सकेगी। यही नहीं स्थानीय युवाओं को भी वाटर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग दी जा सकेगी। सीएम ने यह घोषणा आइटीबीपी के सीमाद्वार स्थित क्षेत्रीय मुख्यालय में आयोजित फ्लैग इन समारोह में कही है।

214 से ज्यादा पर्वतारोहण अभियानों को किया पूरा

बता दें कि आइटीबीपी की नौ सदस्य टीम ने गंगोत्री-2 शिखर (21,615 फीट) पर तिरंगा फहराया है। इतना ही नहीं आइटीबीपी ने अब तक 214 से ज्यादा पर्वतारोहण अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह इस पर्वतारोही बल का अनूठा और अद्वितीय रिकॉर्ड है। कोरोनाकल में भी आइटीबीपी ने दो बड़े पर्वतारोहण अभियानों को सफल बनाकर सकारात्मक संदेश दिया है। गंगोत्री-2 शिखर के लिए क्षेत्रीय मुख्यालय आइटीबीपी देहरादून के पर्वतारोही दल ने 9 सितंबर को उत्तरकाशी से अभियान की शुरुआत की थी।

11 हजार युवक-युवतियां बल में सेवारत

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की माने तो आइटीबीपी और उत्तराखंड का अटूट रिश्ता है। आइटीबीपी की स्थापना के समय गढ़वाल और कुमाऊं के युवा सैकड़ों की तादाद में बल से जुड़े थे। वर्तमान में तकरीबन 11 हजार युवक-युवतियां बल में सेवारत हैं। उन्होंने कहा कि आइटीबीपी शौर्य और संवेदना का दूसरा नाम है। हिमवीर जहां एक ओर परिवार से दूर रहकर अति दुर्गम एवं सीमांत क्षेत्रों में तैनात रहकर देश की सेवा करते हैं। वहीं अपने मानवीय कर्त्तव्यों को भी नहीं भूलते। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में जब-जब तब-तब आइटीबीपी के हिमवीर हमारे साथ खड़े हैं।