उत्तराखंड- अब हींग की खेती बढ़ाएगी प्रदेश में किसानों की आये, त्रिवेन्द्र सरकार कर रही ये प्रयास

भारतीय खाने में सुगंध और स्वाद घोल देने वाली हींग की खेती अब उत्तराखंड में भी की जा सकती है। हिमाचल के शुष्क हिमालयी क्षेत्र लाहुल घाटी में हींग की खेती का प्रयोग शुरू हो गया है। पड़ोसी राज्य के इस प्रयोग के साथ ही अब उत्तराखंड राज्य में भी हींग की खेती की संभावना
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उत्तराखंड- अब हींग की खेती बढ़ाएगी प्रदेश में किसानों की आये, त्रिवेन्द्र सरकार कर रही ये प्रयास

भारतीय खाने में सुगंध और स्वाद घोल देने वाली हींग की खेती अब उत्तराखंड में भी की जा सकती है। हिमाचल के शुष्क हिमालयी क्षेत्र लाहुल घाटी में हींग की खेती का प्रयोग शुरू हो गया है। पड़ोसी राज्य के इस प्रयोग के साथ ही अब उत्तराखंड राज्य में भी हींग की खेती की संभावना तलाशने की तैयारी है। बता दें अब तक देश में हींग अफगानिस्तान, ईरान और उजबेकिस्तान से खरीदी जाती है। वही इस प्रयोग के बाद उत्तराखंड और हिमांचल की हींग आपके खाने का स्वाद बढ़ाएगी।

इन जिलों में है खेती की संभावना

पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी के मुताबिक, सीमांत जिले पिथौरागढ़ के संबंध में आयोग ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र की दारमा वैली में हींग की खेती की संभावना का उल्लेख है। वही जानकारों का भी मानना है कि उत्तराखंड राज्य के सीमांत जिले उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ की उच्च हिमालयी शुष्क घाटियों में हींग की खेती पर कार्य हो सकता है। उत्तरकाशी की नेलांग और पिथौरागढ़ की दारमा वैली और चमोली की नीति घाटी हींग की खेती के लिए मुफीद है। हालांकि राज्य के कृषि विभाग और पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के स्तर पर अभी तक ऐसा कोई प्रयोग नहीं हुआ है।

उत्तराखंड- अब हींग की खेती बढ़ाएगी प्रदेश में किसानों की आये, त्रिवेन्द्र सरकार कर रही ये प्रयास

राज्य सरकार चाहे तो शुरू हो सकता है कार्य

पंतनगर विश्वविद्यालय में संयुक्त निदेशक और औषधीय पौधों के विभाग के हेड डॉ. एमएस नेगी की माने तो हींग की खेती अफगानिस्तान के उस इलाके में होती है जो शुष्क शीत क्षेत्र है। राज्य में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ऐसी संभावना हो सकती है। लेकिन, इसके लिए अनुसंधान कार्य करना होगा। अभी विवि के स्तर पर हींग की खेती के संबंध में किसी परियोजना पर कार्य नहीं हो रहा है, लेकिन राज्य सरकार चाहे तो इस प्रोजेक्ट पर कार्य हो सकता है। बता दें कि हिमाचल में सीएसआईआर के सहयोग से हींग की खेती की तकनीक विकसित हुई है। उत्तराखंड सरकार प्रयास करे तो सीएसआईआर व हिमाचल सरकार से बात कर हींग की खेती की संभावना को विस्तार दिया जा सकता है।

राज्य सरकार कर रही प्रयास

मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की माने तो पूरे मामले में सरकार के स्तर पर प्रयास चल रहे है। उनकी माने तो सरकार की कोशिश है कि सीमांत क्षेत्रों में पारंपरिक खेती से हटकर ऐसी फसलों को प्रोत्साहित किया जाए जो वहां के लोगों की आमदनी को बढ़ाने में भी मदद करें। हींग इनमें से एक प्रमुख फसल है। इस संभावना पर विचार चल रहा है। डीआरडीओ की लैब्स को सीमांत इलाकों की खेती से जोड़ने पर चर्चा हो चुकी है।