उत्तराखण्ड- फर्जी वसीयत के मामले में यूपी के पूर्व मंत्री समेत नौ लोगों को सजा
उत्तरप्रदेश के पूर्व मंत्री ओम प्रकास समेत नौ लोगो पर 10 करोड़ की संपत्ति के फर्जी वसीयत बनाकर 35 एकड़ जमीन को अपने नाम करवाने के अपराध में कोर्ट के आदेश पर मंत्री को 15 साल का कारावास भुगतना पडे़गा। बाकी अपराधियों को कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत के आधार पर छोड़ा जा सकता है। आजाद हिंद फौज के सिपाही रामअवध सिंह पुलिस में थे। रिटायरमेंट के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि कार्य करने के लिए 50 एकड़ भूमि दी थी।
रामअवध की एक ही संतान थी उनकी बेटी प्रभावती जो अपने पिता रामअवध की मृत्यु के बाद सम्पूर्ण सम्पत्ति की मालिक थी। कुछ समय बाद प्रभावती की शादी हो चुकी थी। जिस कारण वह अपनी सम्पत्ति के स्थान पर नही आ पा रही थी। ऐसे में उत्तरप्रदेश के पूर्व मंत्री समेत नौ लोगों पर आरोप है कि उन्होने प्रभावती की सम्पत्ति के फर्जी कागज बनाकर जमीन को अपने नाम करा लिया। यह मामला डीआईजी के पास पहुंचा प्रभावती ने इस मामले की कई जगह शिकायत की लेकिन उनकी कही भी नही सुनी गई। प्रभावती ने डीआईजी के आदेश पर 2014 में धारा 420, 467, 468, 471, 506, 504 आईपीसी में प्रभावती की ओर से मुकदमा दर्ज किया। प्रभावती ने इस मामले में प्रेम प्रकाश समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जिन्हे आज कोर्ट में सजा सुनाई गई है।