उत्तराखंड- जाने कैसी है पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी के संघर्ष की कहानी, रह चुके है ‘मैन ऑफ द ईयर’

अनिल प्रकाश जोशी एक भारतीय हरित कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, वनस्पति विज्ञानी और हिमालयी पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन HESCO के संस्थापक हैं। 6 अप्रैल 1955 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे डॉ. अनिल पिछले 35 सालों से पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने शुरू से ही गांव के लोगों और गांव
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उत्तराखंड- जाने कैसी है पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी के संघर्ष की कहानी, रह चुके है ‘मैन ऑफ द ईयर’

अनिल प्रकाश जोशी एक भारतीय हरित कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, वनस्पति विज्ञानी और हिमालयी पर्यावरण अध्ययन और संरक्षण संगठन HESCO के संस्थापक हैं। 6 अप्रैल 1955 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे डॉ. अनिल पिछले 35 सालों से पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने शुरू से ही गांव के लोगों और गांव के संसाधनों पर काम किया है। डॉ अनिल प्रकाश जोशी की संस्था में भी पर्यावरण को सुधरने के प्रयासों पर काम किया जाता है। पर्यावरण के क्षेत्र में आगे कार्य करने के लिए उन्होंने अपनी प्रोफेसर की नौकरी छोड़ दी और इस क्षेत्र में आ गए।

उत्तराखंड- जाने कैसी है पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी के संघर्ष की कहानी, रह चुके है ‘मैन ऑफ द ईयर’

2002 में बने ‘मैन ऑफ द ईयर’

भारतीय समाज में उनके योगदान के लिए भारत सरकार ने 2006 में उन्हें पद्मश्री के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया। उन्हें उत्तराखंड में सामाजिक कार्यों के लिए 2020 में पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया है। भारतीय विज्ञान कांग्रेस ने उन्हें 1999 में जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया और द वीक पत्रिका ने उन्हें 2002 में ‘मैन ऑफ द ईयर’ चुना। 2006 में उन्होंने ग्रामीण विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग में अपने प्रयासों के लिए जमनालाल बजाज पुरस्कार भी प्राप्त किया है।