उत्तराखंड- हाईकोर्ट ने खोला हरिद्वार का 9 वर्ष पुराना मामला , राज्य सरकार को दिये जांच के आदेश

हरिद्वार में आठ नवम्बर 2011 के दिन हवन के दौरान भगदड़ मच गई थी। भगदड़ में 20 लोगों की मौत हो गई थी और वही 67 लोगों के घायल हुए थे। हरिद्वार में हुए इस मामले को लेकर अदालत में जनहित याचिका दायर हुई थी। जिसकी सुनवाई सोमवार को हुई, सुनवाई के दौरान कोर्ट को
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उत्तराखंड- हाईकोर्ट ने खोला हरिद्वार का 9 वर्ष पुराना मामला , राज्य सरकार को दिये जांच के आदेश

हरिद्वार में आठ नवम्बर 2011 के दिन हवन के दौरान भगदड़ मच गई थी। भगदड़ में 20 लोगों की मौत हो गई थी और वही 67 लोगों के घायल हुए थे। हरिद्वार में हुए इस मामले को लेकर अदालत में जनहित याचिका दायर हुई थी। जिसकी सुनवाई सोमवार को हुई, सुनवाई के दौरान कोर्ट को याचिकाकर्ता ने बताया कि अज्ञात विषयों द्वारा केस का पूरा रिकाॅर्ड गायब कर लिया गया है। ताकी केस फिर से न खुल सके और बंद हो जाये। बता दें कि कोर्ट में यह कार्यवाही कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में अधिवक्ता विवेक शुक्ला की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।

जिसमें कहा गया कि हरिद्वार में आठ नवम्बर 2011 को गुरू श्रीराम शर्मा की जन्म शताब्दी मनाई गई थी इस जन्म शताब्दी में करीबन एक लाख से भी अधिक संख्या में लोग उपस्थित थे। और इसमें पांच राज्यों के मुख्यमंत्री सहित कई वीआईपी लोगों को शामिल किया गया था। यह जन्म शताब्दी शांतिकुंज हरिद्वार के परमाध्यक्ष प्रणव पाण्डिया द्वारा रखी गई थी जिसमें वीआईपी व आम जनता के लिए हवन करने हेतु अलग अलग व्यवस्था की थी। लेकिन जिस स्थान पर सामान्य लोगों के लिए हवन की व्यवस्था कराई गई थी, वहा पर अचानक से भगदड़ मच गई भगदड़ तमें करीबन 20 लोगों की मृत्यु हो गई ओर 67 लोग जख्मी हो गये।

घटना के बाद पुलिस द्वारा मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जब यह घटना घटी तो उस उस दौरान किसी भी पीड़ित परिवार को घटना का मुआवजा नही दिया गया। और पांच सप्ताह बाद लोकहित को देखते हुए मामले को रॅफा दभा कर दिया। सोमवार को मामले की सुनवाही के दौरान याचिका कर्ता ने कोर्ट से प्रार्थना कि है कि इस मामले की पुनः जांच की जाय और पीड़ितों को घटना का मुआवजा ही दिया गया। मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर सम्बन्धित केस की फाइल कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए हैं।