उत्तराखंड- जालसाजों ने प्रमुख सचिव के बेटे को लगाया चूना, परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर ऐसे रचा पूरा खेल

उत्तराखंड में जालसाजों के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे है। राजधानी देहरादून से एक धोकाधड़ी का सनसनी खेज मामला सामने आया है। यहां जालसाजों ने परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर प्रमुख सचिव के बेटे को ठगी के जाल में फंसा लिया। इतना ही नहीं 1375 रुपये भी
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उत्तराखंड- जालसाजों ने प्रमुख सचिव के बेटे को लगाया चूना, परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर ऐसे रचा पूरा खेल

उत्तराखंड में जालसाजों के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे है। राजधानी देहरादून से एक धोकाधड़ी का सनसनी खेज मामला सामने आया है। यहां जालसाजों ने परिवहन विभाग की फर्जी वेबसाइट बनाकर ड्राइविंग लाइसेंस के नाम पर प्रमुख सचिव के बेटे को ठगी के जाल में फंसा लिया। इतना ही नहीं 1375 रुपये भी ठग लिए। मामला उस समय उजागर हुआ जब प्रमुख सचिव के निजी सचिव ने आवेदन के संबंध में परिवहन अधिकारियों से जानकारी मांगी। जांच में पता चला कि प्रमुख सचिव के बेटे के नाम पर कोई आवेदन ही नहीं किया गया है, और न ही कोई फीस जमा कराई गई है।

आरटीओ ने दिए जांच के निर्देश

इधर ठगी का पता लगने के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। आरटीओ डीसी पठोई ने एआरटीओ प्रशासन को प्रकरण की जांच करने के साथ ही फर्जी वेबसाइट बनाने वाले जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिये है। जानकारी के अनुसार उत्तराखंड सचिवालय में निजी सचिव गोविंद सिंह ने संभागीय परिवहन अधिकारी को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि प्रमुख सचिव आनंदवर्धन के बेटे अनिष्व वर्धन

का ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था। इस दौरान फोन पे के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन कर 1375 रुपये जमा कराए गए, लेकिन परिवहन विभाग की ओर से अनिष्व बर्धन को कोई भी जानकारी नहीं दी गई। जब इस संबंध में परिवहन कार्यालय से संपर्क किया गया तो अधिकारियों ने बताया कि इस नाम से कोई आवेदन नहीं आया है और न ही फीस जमा की गई है।