देहरादून- फूड प्वाइजनिंग के बाद जागी सरकार, अब दुर्गम क्षेत्रों में मरीजों को ऐसे मिलेगी बहतर स्वास्थ्य सेवा
देहरादून- न्यूज टुडे नेटवर्क: जनपद बागेश्वर के कपकोट में बारात का खाना खाकर फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए करीब 300 लोगो में से अबतक 4 लोगो की मौत हो चुकी है। वही सैकड़ों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। मरीजों का इलाज हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल व बागेश्वर के अस्पतालों में जारी है। इधर हादसे के बाद से ही सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है। इतना ही नहीं विपक्ष के कई नेताओं का कहना है कि यदि फूड प्वाइजनिंग का शिकार हुए मरीजों को एयर एम्बुलेंस सेवा के जरिए समय पर लाया जाता तो मृतकों की जान बचाई जा सकती थी। कहा कि पहाड़ो में इमरजेंसी स्थिति में इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं नहीं है। जिसके चलते आए दिन इस तरह के मामले सामने आते है।
घटना से लिया सबक
इधर घटना से सबक लेने के बाद सराकर ने एक बड़ा फैसला लिया है। इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए राज्य में एयर एम्बुलेंस सेवा का रास्ता साफ हो गया है। केंद्र की मंजूरी के बाद हेली कंपनी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नागरिक उड्डयन विभाग को एयर एम्बुलेंस के लिए हेली कंपनी के साथ करार करने को कहा गया है। सहस्त्रधारा स्थित हेलीपैड पर विशेषज्ञों ने सोमवार को स्वास्थ्य, आपदा और नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारियों को एयर एम्बुलेंस की विशेषताओं की जानकारी दी। अब सरकार जल्द हेली कंपनी का चयन करेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने सरकार बनने के बाद ही राज्य में एयर एम्बुलेंस सेवा शुरू करने का वादा किया था। सचिव स्वास्थ्य ने एनएचएम के तहत केंद्र से पांच करोड़ मांगे गए थे। केंद्र की मंजूरी के बाद अब एयर एम्बुलेंस चलाने की कवायद शुरू हो गई है।
आपदा में भी काम आएगी एम्बुलेंस
एयर एम्बुलेंस आपदा प्रबंधन विभाग के लिए भी खासी महत्वपूर्ण होगी। आपदा के समय एयर एम्बुलेंस से घायलों को अस्पताल लाने के साथ ही डॉक्टरों एवं विशेषज्ञों की टीमों को मौके पर पहुंचाने के लिए भी इस सेवा का उपयोग किया जाएगा। राज्य में आपदा की घटनाएं बड़ी मात्रा में हैं इस लिहाज से एयर एम्बुलेंस खासी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बता दें एयर एम्बुलेंस के लिए हेली कंपनी को एक घंटे के लिए एक लाख रुपये किराए के रूप में देने होंगे। हालांकि यह अभी तक अंतिम रूप से तय नहीं है। वही पूरे मामले में स्वास्थ्य सचिव नितेश झा का कहना है कि हेली कंपनी के चयन का कार्य नागरिक उड्डयन विभाग को दिया गया है। टेंडर की प्रक्रिया जल्द पूरी होने के बाद यह सुविधा शुरू हो जाएगी। एयर एम्बुलेंस की सुविधा मिलने से दूर दराज के मरीजों को समय पर इलाज मिलेगा।